जयपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना एक बार फिर पूरे देश में पैर पसार रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण राजस्थान के पर्यटन व्यवसाय पर काफी बुरा असर पड़ रहा है। संक्रमण के चलते एक माह में ही प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में एक लाख से अधिक की कमी आई है। अब जब राजस्थान सरकार ने और अधिक संख्ती की तो अप्रैल माह में पहले से अधिक बुरा प्रभाव पड़ता हुआ साफ नजर आ रहा है।
जानकारी के अनुसार इस साल फरवरी में प्रदेश में 4 लाख 18 हजार से अधिक पर्यटक आए, वहीं मार्च में जब कोरोना ने एक बार फिर रोद्र रूप दिखाना शुरू किया तो पर्यटकों की संख्या 3 लाख 13 हजार 900 तक पहुंच गई। अप्रैल के पहले सप्ताह में मात्र 5 हजार पर्यटक पूरे प्रदेश में आए। संक्रमण के बढ़ते खौफ के बीच प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय एक बार फिर संकट में आने लगा है। अगर संक्रमण पर शीघ्र काबू नहीं पाया गया तो प्रदेश के पर्यटन ढांचे पर दुष्प्रभाव पड़ेगा। हजारों लोगों के रोजगार पर संकट आ जाएगा। पिछले साल 18 मार्च से प्रदेश के पर्यटन स्थलों को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था। होटल भी बंद हो गए थे। अब एक बार फिर वहीं तारीख निकट आ रही है और संक्रमितों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
राज्य के पर्यटन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मार्च माह में करीब 11 हजार पर्यटकों की बुकिंग रद्द हुई है। कोरोना महाकारी के कारण कई होटल और ट्रेवल एजेंसियां तो पिछले साल ही बंद हो गए थे। अब एक बार फिर संक्रमण का खौफ सामने देख होटल और ट्रेवल एजेंसी संचालकों के साथ ही इनमें काम करने वाले लोगों की चिंता बढ़ गई है। पर्यटन व्यवसाय पर सबसे बुरा असर अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद होने और विदेशी पर्यटकों के नहीं आने से हो रहा है। पर्यटन मंत्री गाेविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सरकार पर्यटन इंडस्ट्री को मदद देने की कोशिश कर रही है। कोरोना महामारी के कारण हुए नुकसान से सरकार भी चिंतित है।
रद्द हुए बड़े मेले और शाही रेलगाड़ी
कोरोना महामारी के कारण विदेशी पर्यटकों में लोकप्रिय शाही रेलगाड़ी पैलेस ऑन व्हील्स पिछले साल रद्द कर दी गई थी। इस साल भी संक्रमण बढ़ते देख इसके संचालन पर संकट के बादल नजर आ रहे हैं। देशी-विदेशी पर्यटकों में लोकप्रिय पुष्कर मेला और पुष्कर की कपड़ा फाड़ होली इस बार नहीं हुई। जैसलमेर के मरू महोत्सव में भी पहले की तरह रौनक नहीं दिखाई दी। इसके साथ ही एक दर्जन छोटे-बड़े मेले और उत्सव रद्द कर दिए गए। रामदेवरा और खाटूश्याम जी का मेला भी इस बार फीका ही रहा। आमेर महल में हाथी की सवारी भी पूरे साल नहीं हो सकी। लंबे समय बाद रणथंभौर और सरिस्का टाइगर रिजर्व के साथ ही जयपुर के बॉयोलॉजिकल पार्क में सफारी शुरू हुई थी, लेकिन अब वन्यजीवों में संक्रण फैलने से रोकने के लिए इन्हे बार फिर बंद करने पर विचार कर रही है।
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कोरोना से राजस्थान के पर्यटन व्यवसाय पर संकट, हजारों लोगों के बेरोजगारी पर आ सकती है मुश्किल - दैनिक जागरण
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