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सुपौल। फर्नीचर व्यवसाय पर कोरोना ने काफी असर डाला है। लगन में ही फर्नीचरों की सबसे अधिक मांग होती है। लगातार दो साल से गर्मी के लगन से पहले ही संक्रमण बढ़ने से कारोबार को व्यापक नुकसान हुआ है। इससे कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जिले में लकड़ी के फर्नीचर का बड़ा कारोबार होता है। केवल इस साल फर्नीचर कारोबार को 15-20 करोड़ का नुकसान हो चुका है। प्रतिष्ठानों में स्टॉक भरे हैं। लगन के लिए व्यापारियों को अच्छे ऑर्डर भी मिले थे जो अब रद्द हो गये हैं। पिछले साल लगन नहीं होने के कारण इस साल लगन भी ज्यादा थी जिससे कारोबारी पिछले साल की नुकसान भी भारपाई की उम्मीद कर रहे थे। इसी उम्मीद से व्यापारियों ने होली से पहले करोड़ों रुपये का स्टॉक मंगा लिये थे जो अब गोदामों में डंप हैं। कारोबारियों की पूंजी फंस गई है। जिले में फर्नीचर के करीब 50 से अधिक छोटे-बड़े प्रतिष्ठान हैं जिनसे करीब एक हजार परिवार जुड़े हैं। बड़ी संख्या में बढ़ई का काम करने वाले स्टाफ और उनके परिजन भी इस संकट से प्रभावित हैं। जिला मुख्यालय के अलावा, सिमराही, वीरपुर, त्रिवेणीगंज और निर्मली के इलाकों में भी फर्नीचर की दुकानें हैं। फर्नीचर कारोबार से जुड़े राज जायसवाल और मनोज कुमार ने बताया कि दो साल से हेली के करीब संक्रमण दर बढ़ने से लगन से पहले कारोबार पर ताला लग रहा है। कहा कि व्यवसाय को बड़ा नुकसान हुआ है।
फर्नीचर व्यवसाय को करोड़ों को नुकसान - Hindustan हिंदी
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