सार
घर बैठे आंवला का मुरब्बा बनाकर भगवती ने व्यवसाय शुरू किया और आज वे सफल हैं। लॉकडाउन के दिनों में भी उन्हें खूब मुनाफा हुआ और उन्होंने गांव की अन्य महिलाओं को भी रोजगार दिलाया।ख़बर सुनें
विस्तार
भगवती मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में रहती हैं। वे अपनी स्कूल की पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाईं लेकिन आज वे मुरब्बा का बिजनेस कर प्रसिद्ध हो रही हैं। भगवती की मेहनत का ही नतीजा है कि आज उनके पूरे गांव को आंवले के मुरब्बे के लिए जाना जाता है। आइए जानते हैं कि किस तरह से भगवती ने अपना व्यवसाय आगे बढ़ाया और सफलता पाई।
बिजनेस की बारिकियों को सीखा
भगवती शुरुआत में स्वयं सहायता समूह से जुड़ गईं। वहीं उन्होंने व्यवसाय का प्रशिक्षण लिया है। भगवती ने पैकेजिंग, स्वच्छता और बिजनेस की बारीकियों को सीखा। स्वयं सहायता समूह ने उन्हें मुरब्बा बेचने का व्यवसाय करने के लिए लोन तक दिया है।
किराना दुकानों से की डील
भगवती द्वारा तैयार खाद्य सामग्री को बेचने के लिए पन्ना- अजयगढ़ मार्ग पर एक स्टॉल लगाया गया। पन्ना का आंवला और वैल्यू एडेड प्रोडेक्ट्स को राज्य सरकार की ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना में शामिल किया गया। उन्होंने पन्ना के किराना के दुकानों के साथ भी डील की।
पति भी हुए शामिल
मुरब्बा के एक बैच को तैयार करने में कम से कम तीन दिन लगते हैं और भगवती महीनों तक इसमें लगी रहती हैं। उनकी इस लगन को देख उनके पति भी उनके इस काम में सहायता करते हैं जो कि पहले मजदूरी किया करते थे।
स्कूल ड्रॉपआउट भगवती कर रही हैं मुरब्बे का बिजनेस - अमर उजाला
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