जागरण संवाददाता, अंबारी (आजमगढ़): गया प्रसाद स्मारक राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय अंबारी में मिशन शक्ति के तृतीय फेज में महिलाओं में उद्यमिता का विकास विषय पर गोष्ठी और कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की बारीकियां बताई गईं।
मुख्य वक्ता राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित घनश्याम प्रजापति ने बताया कि महिलाएं छोटे-छोटे व्यवसाय के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकती हैं। यह व्यवसाय 500 से 1000 रुपये में भी शुरू कर सकते हैं। मसाला, झाड़ू, मास्क, मेहंदी की पैकिग, चिकनकारी और ब्यूटी पार्लर आदि कम पूंजी में शुरू किए जा सकते हैं। बताया कि अपने कार्य के बल पर 10 वर्षों में चीन और जापान जा चुका हूं। बताया कि कोई भी कारोबार करने के लिए आत्मविश्वास की जरूरत है। बगैर विश्वास के हम कोई भी बड़ा काम नहीं कर सकते। अगर हम हिम्मत न हारे तो कोई भी काम शुरू कर सकते हैं। अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डा. यादवेंद्र आर्य ने बताया कि कोई भी काम छोटा नहीं होता, हम अपने काम से ही अपनी पहचान बनाते हैं।समाज का जो वंचित वर्ग है उनको मुख्य धारा में लाना ही प्रधानमंत्री की इच्छा है।कहा कि आगे भी मिशन शक्ति के तहत हम कार्यक्रम कराते रहेंगे और अपने महाविद्यालय की छात्राओं को प्रशिक्षित करते रहेंगे।संचालक डा. उदयभान यादव ने कई महिलाओं का उदाहरण देकर बताया कि कैसे वे लघु उद्योगों के माध्यम से अपने जीवन का निर्वाह कर रही हैं। इस अवसर पर डा. पूजा मौर्य, डा. विजय प्रताप शुक्ला, छात्रा प्रीति यादव, प्रिया यादव, सोनम आदि छात्राएं उपस्थित रहीं।
Edited By: Jagran
छोटे-छोटे व्यवसाय से महिलाएं बन सकती हैं आत्मनिर्भर - दैनिक जागरण
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