फारबिसगंज। एक संवाददाता
केन्द्र सरकार द्वारा सत्र 2021—22 से जीएसटी काउंसिल की आयोजित बैठक में प्रस्तावित ईट भट्टों पर जीएसटी की दर में बढ़ोतरी एवं लाल ईंट को सरकारी योजनाओं में प्रयोग किये जाने के निर्णय का अररिया जिला ईंट निर्माता संघ ने विरोध करते हुए बुधवार को उक्त निर्णय को वापस लेने की मांग करते हुए वाणिज्य—कर आयुक्त को एक ज्ञापन सौपा है। वाणिज्य—कर आयुक्त को सौपे गये ज्ञापन में ईंट निर्माता संघ के अध्यक्ष नौशाद आलम, उपाध्यक्ष प्रयाग प्रसाद गुप्ता, मो.अजहर उद्दीन, भीम अग्रवाल, अजय अग्रवाल आदि ने कहा कि सत्र 2021—22 से जीएसटी काउंसिल ने ईंट पर टैक्स की दर एक फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी एवं 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में कहना है की बिहार के ईंट भट्ठा ही एक मात्र ऐसा उधोग बचा है,जिसमें लाखों अकुशल मजदूर कार्य करते है एवं इससे उनके पूरे परिवार का भरण पोषण होता है । टैक्स की दर बढ़ने से लाल ईंट की दर में वृद्धि होगी। परिणामस्वरूप निम्म मध्यम वर्ग अपने लिए पक्के मकान का निर्माण नहीं कर पायेंगे। साथ ही लाल ईंट उद्योग कोरोना एवं आर्थिक मंदी के कारण बुरी तरह से पूर्व से ही प्रभावित हो रखा है। ऐसे में प्रत्येक वर्ष लाल ईंट भट्टों की संख्या दिनोंदिन कम होती जा रही है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए जीएसटी की दरों में वृद्धि नहीं की जाये एवं इसे पूर्व की भांति ही रहने दिया जाये। साथ ही साथ सरकारी योजनाओं में भी लाल ईंट का प्रयोग पर लगा प्रतिबंध को हटाया जाये। ताकि ईंट निर्माता व्यवसाय वर्ग पूर्व की भांति अपना व्यवसाय कर सकें। ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष के अलावे भीम अग्रवाल,अजय अग्रवाल आदि शामिल है।
जीएसटी की दरों में वृद्धि होने से ईंट व्यवसाय प्रभावित - Hindustan हिंदी
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