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मधुबनी । कोरोना की तीसरी लहर के गाइडलाइन के चलते मंदिर बंद होने से चढ़ावा नहीं आ रहा है। मंदिरों की आमदनी घट गई है। वहीं मंदिरों पर होने वाले सामाजिक कार्य प्रभावित हो गया है। धार्मिक स्थलों को बंद रहने से फूल, प्रसाद व्यवसाय मंद पड़ गई है। कोरोना की तीसरी लहर में इन दिनों प्रसिद्ध कपिलेश्वरनाथ शिवालय, उग्रनाथ शिवालय, शहर के गंगासागर काली मंदिर सहित जिले के पांच दर्जन से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के पुजारी और फूल, प्रसाद के छह सौ से अधिक दुकानदारों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट बना है। इनकी आमदनी मंदिर आने वाले सैकड़ों श्रद्धालुओं से होती है। मगर, श्रद्धालुओं का आना रूक गया है। 25 लाख के फूल-प्रसाद व्यवसाय प्रभावित कोरोना की तीसरी लहर में धार्मिक स्थलों को बंद रहने से जिले में करीब 25 लाख रुपये के फूल व प्रसाद व्यवसाय प्रभावित हुआ है। कपिलेश्वरनाथ मंदिर परिसर के फूल, प्रसाद के विक्रेता दिलीप कुमार ने बताया कि दो वर्षों से समय-समय कोरोना की मार से नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस वर्ष व्यवसाय पटरी पर लौटने की उम्मीद जगी थी। मगर, नए साल शुरू होने के साथ ही कोरोना गाइडलाइन से निराशा है। श्रद्धालुओं का मंदिर आना पर पाबंदी से कमाई नहीं हो रही है।फूल किसान महेश कुमार ने बताया कि धार्मिक स्थल पर पाबंदी से फूल उत्पादन ठप है।वर्ष फूल की मांग नहीं होने से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं फूलों की मांग ठप होने से जिले में फूल व्यवसाय चौपट हो गया है। जिले के चार दर्जन से अधिक फूल कारोबारियों को करीब पांच लाख नुकसान उठाना पड़ा है। पंडौल प्रखंड के जटेश शिवालय स्थित फूल विक्रेता शिवम कुमार का कहना है कि फूल, प्रसाद व्यवसाय चौपट होने से अब तो दुकान का भाड़ा निकलना भी मुश्किल हो गया है। परिवार के पालन-पोषण के लिए मजदूरी ही एक सहारा बचा है। नए साल में बेहतर आमदनी की उम्मीदों पर कोरोना की तीसरी लहर ने पानी फेर दिया है।
Edited By: Jagran
पाबंदियों से फूल-प्रसाद व्यवसाय पर मंदी का संकट - दैनिक जागरण
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