Publish Date: | Thu, 10 Feb 2022 10:46 PM (IST)
दमोह नईदुनिया प्रतिनिधि। जिले के ग्राम हिंडोरिया के किसान अतुल धनकर एक इंजीनियर है इन्होंने मशरूम की खेती को अपना व्यवसाय बनाया। वे बताते हैं मशरूम की खेती कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली खेती है जिस किसान के पास खेती के लिए जमीन नहीं है फिर भी वह खेती करना चाहता है तो वह घर से ही कच्चे या पक्के मकान में इस खेती को शुरू कर सकते है। अतुल का कहना है शुरुआत के समय इसमें 4 से 5 हजार की लगात लगाई थी इसके बाद स्थानीय बाजार मैं जो उत्पादन है जिनमें मशरूम का अचार, मशरूम पाउडर एवं प्रेस मशरूम से लगभग 8 से 9 हजार का मुनाफा लिया है और अभी भी कुछ कच्ची सामग्री रखी जिससे आगे भी कुछ मुनाफा मिलेगा।
उन्होंने बताया इसके लिए उन्होंने जबलपुर में एक दिन की ट्रेनिंग ली थी उसके बाद कृषि विज्ञान केंद्र दमोह के अधिकारियों से मार्गदर्शन लिया जिसका काफी सपोर्ट मिला है अब इसको और बड़े लेवल पर करना है। इसके एक सर्कल में लगभग 40 से 50 रूपये की लागत आती है एक पैकेट में लगभग दो किलो भूसा आता है। 200 ग्राम स्पॉन लगता है यह 25 दिन में पहली फसल दे देता है। इसमें काफी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। भूसे में कीटाणु रहते हैं उनको उपचारित करना पड़ता है इसके लिए दो केमिकल होते हैं एक फार्मएल्डिहाइड और दूसरा वामिस्टकि पाउडर आता है इसमें भूसे को कम से कम 12 से 14 घंटे तक भूसे को गलाना पड़ता है उसके बाद उसको निकालकर इसकी स्पोनिंग की जाती है
किसान अतुल धनकर ने बताया यह जो खेती एवं व्यवसाय है यह युवाओं के लिए बहुत ही अच्छा व्यवसाय है इससे इनको काफी ज्यादा मुनाफा हो रहा है इसमें युवाओं के लिए काफी रोजगार के अवसर है उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कृषि विज्ञान केंद्र से अधिकारियों द्वारा हमें विशेष सहयोग मिला है कभी भी किसी भी प्रकार की तकनीकी परेशानी आती है तो उनका सहयोग हमेशा हमें मिलता है। कृषि विज्ञान केंद्र दमोह से कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी डा. मनोज अहिरवार ने बताया हिंडोरिया से किसान अतुल धनकर मशरूम की सफल खेती कर रहे हैं। उन्होंने मशरूम की खेती के बारे में बताया यह जो मशरूम है यह लाभदायक फफूंद है यह कई प्रकार की होती है कुछ हानिकारक होती हैं कुछ लाभदायक फफूंद होती हैं मशरूम में एक लाभदायक प्रोटीन कैल्शियम वाला पदार्थ है इसमें अधिक मात्रा में पोषक तत्वों रहते हैं। डा. राजेश द्विवेदी ने बताया किसान अतुल मशरूम पाउडर उत्पादित करते हैं दो चम्मच पाउडर एक गिलास गुनगुने पानी मैं घोलकर रोज सेवन करने से शरीर के भीतरी अंगो की जो टूट-फूट होती है इसमें हाइट प्रोटीन होता है जो श्रम करने एवं भाग दौड़ करने से जो टूट-फूट होती यह उसको बैकअप करता है।
Posted By: Nai Dunia News Network
इंजीनियर ने अपनाया कृषि व्यवसाय - Nai Dunia
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