Rechercher dans ce blog

Saturday, July 16, 2022

गिरिडीह : आगे भी बारिश की यही स्थिति रही तो मछली पालन व्यवसाय पर पड़ेगा बुरा असर - Lagatar Hindi

Giridih : गिरिडीह (Giridih)– सावन माह शुरू है. आधा जुलाई भी गुजर चुका है. जिले में पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. इस कारण तालाब में पानी कम है. मानसून का यही हाल रहा तो जिले में मत्स्य पालन व्यवसाय को नुकसान हो सकता है. जिले में 566 तालाबों में मछली पालन किया जाता है. जिला मत्स्य विभाग की ओर से मछली के स्पॉन का वितरण किया जा चुका है. तालाब में पानी नहीं रहने से मात्र 15 मत्स्य पालकों ने ही मछली का स्पॉन लिया है.

ज़िले के 566 तालाबों के लिए हर साल 350 मत्स्य पालकों के बीच 25 से 30 लाख स्पॉन का वितरण किया जाता है. जिले के 80 प्रतिशत तालाबों में पानी इतना कम है कि इसमें मछली पालन करना संभव नहीं है. दस से पंद्रह दिनों के अंदर पर्याप्त बारिश नहीं होने पर मत्स्य पालन पर बुरा असर पड़ेगा.

विभाग भी लाचार

लगातार को पढ़ने और बेहतर अनुभव के लिए डाउनलोड करें एंड्रॉयड ऐप। ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करे

जिला मत्स्य पदाधिकारी उषा किरण ने कहा कि जिले के अधिकांश तालाब मानसून की बारिश पर निर्भर है. बारिश के अभाव में अधिकांश तालाब सूख चुके हैं. सूखे तालाबों में मछली पालन संभव नहीं है. मत्स्य पालकों को मछली पालन का ट्रेनिंग दिया जा चुका है. वे स्पॉन लेना चाहते हैं. तालाबों में पानी नहीं है. ऐसी स्थिति में स्पॉन लेकर भी कोई फायदा नहीं है.

यह भी पढ़ें : गिरिडीह : शहरी क्षेत्र में 6 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले

आप डेली हंट ऐप के जरिए भी हमारी खबरें पढ़ सकते हैं। इसके लिए डेलीहंट एप पर जाएं और lagatar.in को फॉलो करें। डेलीहंट ऐप पे हमें फॉलो करने के लिए क्लिक करें।

Adblock test (Why?)


गिरिडीह : आगे भी बारिश की यही स्थिति रही तो मछली पालन व्यवसाय पर पड़ेगा बुरा असर - Lagatar Hindi
Read More

No comments:

Post a Comment

सोलर प्लांट से बिजली का उत्पादन करेंगे हनुमान, पप्पू व छोटेलाल का होगा खुद का व्यवसाय - Patrika News

[unable to retrieve full-text content] सोलर प्लांट से बिजली का उत्पादन करेंगे हनुमान, पप्पू व छोटेलाल का होगा खुद का व्यवसाय    Patrika New...