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“मैंने अपने आप से कहा कि मुझे अपने बेकरी व्यवसाय का विस्तार करने से पहले, फ्रिज सहित अतिरिक्त उपकरण ख़रीदने काबुल जाना चाहिये. यह सपना कभी पूरा नहीं हुआ क्योंकि मेरा देश तालेबान के हाथों में चला गया.
मैं अपने प्रान्त में ही कारोबार चलाती थी. मैंने कुकीज़ और केक बेक करने के लिये पाँच महिलाओं को काम पर रखा था. यह सब बनाकर मैं, महिलाओं के बाज़ार में एक किराये की दुकान पर बेचती थी.
अफ़ग़ानिस्तान में बेकरी व्यवसाय, ईद के दौरान फलता-फूलता है - एक ऐसा त्यौहार जो अफ़ग़ान परिवारों के लिये नई शुरुआत का प्रतीक है, ईद के दौरान, अफ़ग़ान लोग अपने घरों में मेहमानों को आंमन्त्रित करते हैं और उनकी आवभगत के लिये उन्हें कुकीज़, केक, डोनट्स, क्रीम रोल, पेस्ट्री और सूखे मेवे परोसते हैं.
मेरा प्रान्त बहुत अलग है. पहाड़ और कच्ची व ऊबड़-खाबड़ सड़कों के कारण, लोग प्रान्त से बाहर यात्रा करने से तब तक बचते हैं, जब तक कि बहुत ज़रूरी न हो. रास्ते में ख़राब होने के डर से, दुकानदार अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल से बेकरी उत्पाद नहीं ला पाते हैं. काबुल ही मुख्य केन्द्र है जहाँ से भोजन, कपड़े और रोज़मर्रा की ज़रूरी चीज़ें दूसरे प्रान्तों में पहुँचाई जाती हैं. इसलिये मैंने इन सभी का उत्पादन अपने प्रान्त में ही करने का फ़ैसला किया. सबसे पहले, मैंने बेकरी का व्यवसाय शुरू किया, फिर मैंने शहर में अपनी ख़ुद की दुकान किराये पर ली, जहाँ मैंने महिलाओं द्वारा उत्पादित अन्य वस्तुओं को बेचना शुरू किया - महिलाओं व बच्चों के कपड़े जैसी हस्तशिल्प की वस्तुएँ, जो हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं.
जैसे ही यह ख़बर फैली कि हमारे प्रान्त में एक नई बेकरी खुली है, लोग मेरे उत्पादों को ख़रीदने के लिये दूर-दराज़ के गाँवों से आने लगे. तब मुझे अहसास हुआ कि शहर के चारों ओर अधिक दुकानें खोलकर व्यवसाय का विस्तार करने का समय आ गया है. इसका मतलब था, अधिक महिलाओं को काम पर रखना और उत्पादों को ताज़ा रखने व स्टोर करने के लिये फ्रिज जैसे उपकरण ख़रीदना.
'मुझे अपना कारोबार बन्द करना पड़ा'
उस दौरान, जब मैं अपने विस्तार की योजना बना रही थी, तालेबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़ा कर लिया. इसलिये, मैंने अपने व्यवसाय का विस्तार नहीं किया; मुझे इसे बन्द करना पड़ा. जिन महिलाओं को मैंने काम पर रखा था, उनका कामकाज से हटाना पड़ा - मेरे प्रान्त के अधिकाँश लोगों का रोज़गार चला गया. महिलाओं के व्यवसायों और कामकाज पर प्रतिबन्ध लग गए. व्यवसाय चालू रखना बहुत मुश्किल हो गया क्योंकि लोगों ने अपना रोज़गार खो दिया और उनकी क्रय शक्ति ख़त्म हो गई है, और बैंक भी वित्तीय ऋण देने में सक्षम नहीं रहे.
मेरा दिल टूटा गया है, लेकिन मैं फिर भी आशान्वित हूँ. मैंने हाल ही में अपना व्यवसाय फिर से शुरू किया है, और मैं इसे चालू रखने के लिये एक मार्केटिंग योजना पर काम कर रही हूँ. अब जबकि कई परिवारों को मेरे कारोबार के बारे में जानकारी है—और चूँकि महिलाओं को पहले से कहीं अधिक महिला-अनुकूल स्थान की आवश्यकता है—मैं ताज़ी कुकीज़, केक और पेस्ट्री परोस कर वर्षगाँठ, समारोह और पारिवारिक अवसरों को यादगार बनाने की कोशिश करती हूँ. मेरी दुकान महिलाओं को एकजुट करने का स्थान होगी.”
* अफ़ग़ान महिला मानवाधिकार रक्षक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये इस लेख में नाम, स्थान और घटनाओं के पाठ्यक्रम को बदल दिया गया है.
अफ़ग़ानिस्तान में UNWOMEN
• संयुक्त राष्ट्र महिला संस्था, यूएनवीमेन, अफ़ग़ानिस्तान में ज़मीन पर काम कर रही है, और हर दिन अफ़ग़ान महिलाओं और लड़कियों की मदद करने के लिये प्रयासरत है.
• देश में एजेंसी की रणनीति, महिलाओं में निवेश के इर्द-गिर्द घूमती है — जिन प्रान्तों में उन्होंने पहले कभी काम नहीं किया, वहाँ हिंसा पीड़ित महिलाओं के लिये समर्थन बढ़ाने से लेकर, आवश्यक सेवाओं के वितरण में महिला मानवीय कार्यकर्ताओं की मदद करने और महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों के लिये प्रारम्भिक पूंजी प्रदान करने तक.
• अफ़ग़ान महिला आन्दोलन बहाल करने का लक्ष्य, एजेंसी के काम का केन्द्र बिन्दु रहा है.
• अफ़ग़ानिस्तान में UN Women की कार्रवाई और तालेबान के अधिग्रहण के एक साल बाद, देश में महिलाओं की स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिये यहाँ क्लिक करें.
आपबीती: अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान शासन; दिल टूटा है, लेकिन उम्मीद बरक़रार है - UN News
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