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निशा राठौड़/ उदयपुर. लेक सिटी उदयपुर अपनी खूबसूरत झीलों की वजह से देश और दुनिया में विशेष पहचान रखता है. हर साल देश- विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक यहां घूमने के लिए आते हैं. उदयपुर कभी बहुत सी कलाओं के लिए फेंमस हुआ करता था. इनमें से कई कलाएं तो आज समाप्त हो चुकी हैं, और कुछ कलाएं अपनी अंतिम सांसे गिन रही है. इन कलाओं में से एक लकड़ी के खिलौने बनाने की कला है जो इस आधुनिक दौर में अपनी पहचान खोती जा रही है.
कभी खिलौनों से होती थी शहर की पहचान
जिले में वर्षों से लकड़ी के खिलौने बनाने का व्यवसाय होता आ रहा हैं. एक समय था, जब यहां के लकड़ी के खिलौनों की डिमांड देश भर में हुआ करती थी. लेकिन, बदलते दौर और चाइनीज खिलौनों की चकाचौंध के चलते यह लकड़ी के खिलौने अपनी पहचान खोते जा रहे हैं. शहर में बहुत ही कम दुकानें बची हैं जहां पर लकड़ी के खिलौने मिलते हैं.
कम हुई मांग
शहर के हाथीपोल स्थित वुडन टॉयज एंड क्राफ्ट के संचालक मुर्तजा ने बताया कि वह करीब 90 साल पहले इस दुकान में लकड़ी के खिलौनों का व्यवसाय उनके पिता द्वारा शुरू क्या गया था. उस समय लकड़ी के खिलौनों की काफी ज्यादा डिमांड हुआ करती थी. लेकिन चाइनीज और प्लास्टिक के खिलौनों के चलते इसकी मांग कम हो गई है. वहीं सरकार द्वारा लगाई गई रोक के कारण बड़ी मात्रा में लकड़ी भी उपलब्ध नहीं हो पाती. इस वजह से भी प्रोडक्शन में कमी आई है.
विदेशी पर्यटकों की है ख़ास पसंद
मुर्तजा ने बताया कि यहां आने वाले विदेशी पर्यटकों को यह लकड़ी के खिलौने खासतौर पर पसंद आते हैं. यहां पर 50 रुपए से लेकर करीब 1000 रुपए तक के खिलौने मिलते हैं. साथ ही इसकी खासियत यह है कि यह लंबे समय तक चलते हैं और इससे किसी तरीके का कोई नुकसान भी नहीं होता.
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FIRST PUBLISHED : May 20, 2023, 13:47 IST
Udaipur News : दम तोड़ रहा लकड़ी के खिलौनों का व्यवसाय, विदेशी पर्यटकों की है खास पसंद फिर भी बाजार से गायब - News18 हिंदी
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