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Saturday, July 31, 2021

व्यवसाय संवाददाता बनने बीस तक करें आवेदन - Hindustan हिंदी

राज्य सरकार द्वारा हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध एवं उनका पुर्नवास अधिनियम 2013 के तहत चिन्हित स्वच्छकार व उनके आश्रितों में से जनपद में पांच युवाओं को उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से व्यवसाय सम्वाददाता बनाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के जिलाप्रबंधक जगतभूषण श्रीवास ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत चिन्हित स्वच्छकार अथवा उनके आश्रितों में बेरोजगार युवाओं को व्यवसाय संवाददाता को कम्प्यूटर हार्डवेयर, साफ्टवेयर फिंगर प्रिंट मशीन, स्वीमिंग मशीन, इनर्वटर खरीदने के लिए ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। व्यवसाय संवाददाता राष्ट्रीयकृत बैंकों के अधिकृत एजेन्ट के रूप में कार्य करेंगे। इसके लिए संवाददाता बैंक सिक्योरिटी के रूप में व्यवसाय संवाददाता से 15 हजार जमा कराने के बाद जमा धनराशि की सीमा के अन्तर्गत व्यवसायिक संवाददाता ग्राहकों के राष्ट्रीयकृत बैंकों में बचत खाता, आवर्ती जमा खाता, किसान क्त्रेडिट कार्ड, नामांकन आनलाइन धनराशि हस्तान्तरित कर सकेगे। उन्होंने बताया कि व्यवसायिक संवाददाता बनने हेतु शैक्षिक योग्यता इण्टरमीडिएट तथा कम्प्यूटर ज्ञान आवश्यक है। इच्छुक स्वच्छकार व्यवसायिक संवाददाता बनने हेतु अपना आवेदन पत्र कार्यालय में 20 अगस्त तक जमा कर सकते है।

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Friday, July 30, 2021

कोरोना अलर्ट : व्यापारी मास्क पहनकर करें व्यवसाय - Nai Dunia

Publish Date: | Fri, 30 Jul 2021 05:55 PM (IST)

खंडवा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। त्योहारों और कोरोना की तीसरी लहर के बढ़ते खतरे को देखते हुए कोरोना प्रोटोकाल का पालन आवश्यक है। इसमें लापरवाही घातक हो सकती हैं। पूर्व में लाकडाउन एक और दो में व्यापारी भारी नुकसान सहन कर चुके हैं। तीसरी बार ऐसा कुछ नहीं हो, इसके लिए व्यापारी वर्ग को प्रशासन को सहयोग देते हुए समस्त नियमों का पालन करना चाहिए। यह नहीं भूलना चाहिए कि देश के कुछ हिस्सों में अभी भी मरीज मिल रहे हैं।

व्यापारी वर्ग के हित के लिए सदैव तत्पर संस्था पूर्व निमाड़ चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज खंडवा ने अपने समस्त सदस्यों और छोटे-बड़े सभी व्यवसायियों से कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए व्यापार करने की अपील की है। चेंबर प्रवक्ता कमल नागपाल ने बताया कि चेंबर के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने इस संदर्भ में सभी व्यवसाइयों से अपील जारी की है। चेंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष गुरमीतसिंह उबेजा, सचिव सुनील बंसल, कोषाध्यक्ष गोवर्धन गोलानी ने आने वाले सभी पर्वों को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा जारी कोविड-19 नियमावली का पूर्ण व्यावहारिक पालन करते हुए लोक स्वास्थ्य सुरक्षा का सकारात्मक संकल्प लेकर व्यवसाय का प्रण लें। मास्क का अनिवार्य प्रयोग करते रहेंस अपने सभी ग्राहकों और अन्य जनता को भी प्रेरित करें।

चेंबर के पदाधिकारियों ने कहा है कि कोविड-19 वायरस के संक्रमण को पूर्ण रूप से रोकने और तीसरी लहर के आगमन से व्यापार को प्रभावित होने से बचाने के लिए हमें जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन का आगे भी पालन करते रहना चाहिए। नियमों का पालन करके खंडवा सहित पूरे देश को कोरोना की तीसरी लहर के भय से मुक्त बनाने में हम सबकी भागीदारी होनी चाहिए।

चेंबर ने कहा है कि सभी नागरिक त्योहारों की ग्राहकी के दौरान शासकीय नियमावली का पालन करें एवं कोरोना वायरस संक्रमण नियंत्रण हेतु बनाये गये शासकीय प्रोटोकाल का पालन करने का कार्य कर अपने नागरिक दायित्वो को निभाने का पर्व अवसर पर सकारात्मक संकल्प लेने का कष्ट करें। अपना ध्यान व्यापार के साथ साथ नियमों के पालन पर भी केंद्रित रखें। सुचारू व्यापार व्यवसाय के लिए तथा किसी भी अप्रिय कार्रवाई से बचने के लिए जरूरी है कि मास्क पहनकर ही व्यवसाय करें। खुद को, ग्राहकों को, परिवार को और शहर को सदैव वायरस से मुक्त रखें।

Posted By: Nai Dunia News Network

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Thursday, July 29, 2021

किसी भी व्यवसाय का पहचान होता है ट्रेडमार्क - दैनिक जागरण

जासं, भदोही : इनोवेशन काउंसिल (नवाचार परिषद) के तत्वाधान में श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजकीय महाविद्यालय में गुरुवार को बौद्धिक संपदा अधिकार विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्राचार्य प्रो. मुरलीधर राम ने नवाचार परिषद के महत्व से अवगत कराते हुए छात्रों को नए विचारों के क्रियान्वयन के लिए प्रेरित किया।

भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) की प्रोफेसर डा. बेट्टी दासगुप्ता ने छात्रों को कापीराइट के अंतर्गत मौलिक लेखन, गायन या साहित्यिक रचनाओं के अधिकार से परिचित कराया। बताया कि ट्रेडमार्क किसी भी व्यापार या व्यवसाय का पहचान होता है।.उसकी नकल कोई दूसरा नहीं कर सकता। कहा कि किसी भी नए अविष्कार का पेटेंट ले लेना चाहिए अन्यथा व्यवसाय में हानि होने की संभावना बनती है। उन्होंने हल्दी, नीम, कारपेट आदि के पेटेंट से संबंधित कानूनी विवादों की चर्चा करते विभिन्न आयामों को समझाया। बताया कि भदोही कारपेट को (भौगोलिक संकेतक) जीआई टैग मिला हुआ है। यह टैग पूर्वांचल के नौ जिलों से संबंधित है। इन जिलों के बाहर बनी हुई कारपेट भदोही कारपेट के नाम से बेचना कानूनी अपराध है। भौगोलिक संकेतक 2010 में अंकटाड, इंडियन चैंबर्स आफ कामर्स, अमेरिकन चैंबर्स आफ कामर्स की मदद से मिला थ। कहा कि किसी भी व्यवसाय को सफल बनाने के लिए ट्रेड को सीक्रेट रखना आवश्यक होता है। अन्यथा दूसरे प्रतिस्पर्धी उसका लाभ उठा सकते हैं। नवाचार परिषद के अध्यक्ष डा. राजकुमार सिंह यादव ने बताया कि बेरोजगारी को कम करना और अर्थव्यवस्था मजबूत करने के उद्देश्य से स्वरोजगार के लिए छात्रों को प्रेरित किया जा रहा है। इस मौके पर डा. आशुतोष कुमार श्रीवास्तव, डा. गौतम गुप्ता, डा. अनुराग सिंह,डा. यशवीर सिंह डा. सत्येंद्र प्रसाद, डा. माया यादव आदि थे।

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बगैर किसी वैध दस्तावेज के उर्वरक और कीटनाशी व्यवसाय करते पाये जाने पर कृषि केन्द्र सील - GLIBS

बगैर किसी वैध दस्तावेज के उर्वरक और कीटनाशी व्यवसाय करते पाये जाने पर कृषि केन्द्र सील

कोरिया। कृषि विभाग के अधिकारियों ने विकासखण्ड बैकुण्ठपुर के आदान व्यवसायियों के प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया। इसी कड़ी में 29 जुलाई को शुुभम कृषि केन्द्र भाॅडी चौक का औचक निरीक्षण किया गया। दुकान संचालक मनोज कुमार साहू से उर्वरक एवं कीटनाशी विक्रय से सम्बंधित आवश्यक दस्तावेज मांगे जाने पर उपलब्ध नहीं कराया। सम्बंधित द्वारा बगैर किसी वैध दस्तावेज के उर्वरक एवं कीटनाशी व्यवसाय करते पाये जाने के फलस्वरूप उर्वरक अधिनियम 1985 एवं कीटनाशी अधिनियम 1968 का उल्लंघन पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए आगामी आदेश पर्यंत शुभम कृषि केन्द्र भाॅडी को उर्वरक निरीक्षक बैकुण्ठपुर पीएल तिवारी द्वारा सील कर दिया गया है। इस दौरान निरीक्षण दल में विभागीय अधिकारी-कर्मचारी राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता एवं  रितेश साहू ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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कोरोना की दूसरी लहर से राहत, पर पटरी पर नहीं लौटा खनन व्यवसाय - अमर उजाला

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ददाहू (सिरमौर)। कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप थमने के बाद भी खनन व्यवसाय पटरी पर लौट नहीं पाया है। 16 माह के दौरान जिले के खनन कारोबारियों को दोहरी मार झेलनी पड़ी है। एक ओर जहां पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से खर्च बढ़ गया है। वहीं, चूना पत्थर के दामों में भी भारी कमी आई है। दाम और खपत बढ़ने की बजाय घटती ही जा रही है। पड़ोसी राज्यों में चूना पत्थर की खपत कम होने के साथ ही दाम 1800 रुपये घटकर 1200 रुपये प्रति टन पर ही सिमट गए हैं। इससे खर्चे चला पाना भी खनन कारोबारियों को मुश्किल हो गया है।
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कारोबारियों का पैसा भी उद्योगपतियों के पास फंसा हुआ है। इससे खान व्यवसायों को अपना कारोबार चलाना अब नामुमकिन साबित हो रहा है। जिले के रेणुका क्षेत्र में आधा दर्जन के करीब चूना पत्थर की खदानें और मुर्गी दाने की दर्जन भर फैक्ट्रियां संचालित हैं, जिनके मालिक इन दिनों भारी मंदी की मार झेल रहे हैं।
खर्चों के बोझ तले दबते जा रहे हैं व्यवसायी
रेणुका खान मालिक संघ के अध्यक्ष सुप्रियांक वालिया ने बताया कि खनन व्यवसायी भारी भरकम खर्चों के बोझ के तले दबते जा रहे हैं। इससे व्यवसाय चलाना मुश्किल होता जा रहा है। बावजूद रोजगार को ध्यान में रखते हुए खनन व्यवसायी अपना कारोबार जारी रखे हुए हैं।
माल के दाम गिरे, डीजल-पेट्रोल के बढ़े
खनन मालिक शेर सिंह नेगी ने बताया कि खान मालिक दोहरी मार झेल रहे हैं। एक तरफ जहां माल के दामों में भारी गिरावट आई है। वहीं, डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ने से खर्चे कई गुणा अधिक हो गए हैं। इससे व्यवसाय चलाना अब घाटे का सबब बनता जा रहा है।
मंदी की मार से नहीं उभर पाए खनन व्यावसायी
खनन अभियंता डीके सिन्हा ने बताया कि कोरोना का सर्वाधिक प्रभाव खनन व्यवसायियों पर ही पड़ा है। इ कारण खान मालिकों के लिए अपना कारोबार समेटने तक की नौबत आ गई है। खनन व्यवसायी मंदी की मार से उभर नहीं पाए हैं। कारोबार चलाना मुश्किल हो गया है।
खर्चे प्रतिदिन बढ़ रहे, दाम निरंतर घट रहे
खनन व्यवसायी रविंदर यादव ने बताया कि चूना पत्थर के कारोबार को अब घाटे में चलाने पर विवश होना पड़ रहा है। महंगाई के दौर में खर्चे चला पाना कठिन हो गया है। खर्चे दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं और दाम निरंतर गिर रहे हैं। खान मालिकों को व्यवसाय बंद करना पड़ रहा है।

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योग्य लाभुकों को व्यवसाय के लिए ऋण उपलब्ध कराए बैंक - दैनिक जागरण

सहरसा। बुधवार को भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा में जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक राजेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में प्रखंड स्तरीय बैंकर्स समिति (बीएलबीसी) की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए एलडीएम ने विभिन्न ऋण योजनाओं की समीक्षा करते हुए कई निर्देश दिए।

सहरसा। बुधवार को भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा में जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक राजेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में प्रखंड स्तरीय बैंकर्स समिति (बीएलबीसी) की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए एलडीएम ने विभिन्न ऋण योजनाओं की समीक्षा करते हुए कई निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी शाखा प्रबंधक चूककर्ता ऋणी को चयनित कर नीलाम पत्र पदाधिकारी को कार्रवाई के लिए अभ्यावेदन देने को कहा। बताया गया कि सभी शाखा प्रबंधक योग्य लाभुक को व्यवसाय एवं कृषि ऋण उपलब्ध कराने के साथ-साथ सभी बैकिग योजनाओं को लागू कराएं। पीएमईजीपी, स्वनिधि, केसीसी, मृदा ऋण पर विस्तृत चर्चा करते हुए शाखा प्रबंधकों से जानकारी ली गई। बैठक में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना, अटल पेंशन योजना के अधिक से अधिक ग्राहकों को सम्मिलित करने का निर्देश दिया गया। एलडीएम ने डिजिटल बैकिग के प्रचार- प्रसार करने तथा साइबर क्राइम से बैंक के ग्राहकों को सचेत करने के उपायों पर भी विस्तृत चर्चा किया।

बैठक में एसबीआई के मुख्य प्रबंधक, द्रविण गोपाल ठाकुर, पंजाब नेशनल बैंक के जिला समन्वयक उमेश झा के अलावा विभिन्न बैंकों के समन्वयक एवं शाखा प्रबंधक उपस्थित रहे।

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Friendship Day 2021: जानिए दोस्तों द्वारा शुरू हुए इन पांच व्यवसायों के बारे में, जिन्होंने फहराए सफलता के परचम - अमर उजाला - Amar Ujala

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: ‌डिंपल अलावाधी Updated Thu, 29 Jul 2021 04:25 PM IST

सार

कई लोग करीबी दोस्तों के साथ व्यवसाय शुरू करने की चेतावनी देते हैं लेकिन कुछ कंपनियां ऐसी भी हैं जिनकी शुरुआत दोस्तों ने की थी और उन्होंने सफलता के परचम फहराए हैं।

दोस्तों द्वारा शुरू किए गए 5 सफल व्यवसाय - फोटो : अमर उजाला

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विस्तार

जिस व्यक्ति से हम अपना सुख-दुख बांट सके उस व्यक्ति को मित्र कहा जाता है। व्यवसाय में अगर आपका पार्टनर आपका सबसे अच्छा दोस्त हो तो सभी चीजें आसान हो जाती हैं, खासकर तब जब आप एक नया व्यवसाय शुरू कर रहे हों। कई पेशेवर व्यवसाय आपको करीबी दोस्तों के साथ व्यवसाय शुरू करने की चेतावनी देते हैं लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसी कंपनियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो दोस्तों ने शुरू की थीं और आज ये बेहद सफल हैं। इस साल फ्रेंडशिप डे एक अगस्त 2021 को मनाया जाएगा। इस मौके पर आइए जानते हैं दोस्तों द्वारा शुरू की गई कंपनियों के बारे में। 
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फ्लिपकार्ट
साल 2007 में सचिन बंसल ने अपने स्कूल के दोस्त बिन्नी बंसल के साथ बंगलूरू के एक सिंगल रूम अपार्टमेंट से फ्लिपकार्ट की शुरुआत की थी। ऑनलाइन ई-कॉमर्स स्टोर ने किताबें बेचने से अपना व्यवसाय शुरू किया था और बाद में कंपनी ने इस श्रेणी में व्यापक रूप से विस्तार किया। कंपनी ने इलेक्ट्रॉनिक्स फैशन, लाइफस्टाइल, आदि उत्पाद बेचने शुरू किए। फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापकों में से एक, सचिन पहले अमेजन इंडिया में काम करते थे। 

दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनियों में से एक वॉलमार्ट ने 2018 में फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण कर लिया था। उसने भारत के रिटेल बाजार में पैठ जमाने के लिए ऐसा किया था। भारत में कंपनी का मुकाबला अमेजन से है। मालूम हो कि वॉलमार्ट अपनी भारतीय इकाई फ्लिपकार्ट का आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। हालांकि अभी आईपीओ को पेश करने का समय तय नहीं हुआ है।

ओला 
आईआईटी-मुंबई बैच के दो साथियों- भाविश अग्रवाल और अंकित भाटी ने ओला कैब्स की स्थापना की थी। स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद भाविश अग्रवाल माइक्रोसॉफ्ट इंक के लिए काम करने चले गए और दूसरी ओर अंकित भाटी ने मेक सेंस और विलकॉम सहित कई स्टार्टअप कंपनियों के लिए काम किया। माइक्रोसॉफ्ट में दो साल बिताने के बाद भाविश ने एक ऑनलाइन हॉलिडे और टूर प्लानिंग सेवा शुरू की और अंकित, जो यात्रा के प्रति उत्साहित थे, उसके साथ जुड़ गए।

साल 2010 में दोनों ने मिलकर ओला ट्रिप्स की शुरुआत की। दोनों ने मिलकर हर चीज संभाली। भाविश ने नए ग्राहकों तक पहुंचने की कोशिश की, वहीं अंकित ने वेबसाइट पर काम किया। दोनों ने समान रूप से ओला को कामयाब करने के लिए कड़ी मेहनत की। लेकिन जब दोनों ने महसूस किया कि लोग हवाई अड्डे, अन्य सामाजिक कार्यक्रमों के लिए कैब बुक करने के इच्छुक हैं और इंटरनेट पर सोशल प्लेटफॉर्म का उपयोग करने में सक्षम हैं, तो उन्होंने ओला शुरू की।

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Wednesday, July 28, 2021

सनोफी इंडिया के बोर्ड ने स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद व्यवसाय यूनिवर्सल न्यूट्रीसाइंस को बेचने की मंजूरी दी - Punjab Kesari

नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) दवा कंपनी सनोफी इंडिया ने बुधवार को कहा कि उसके बोर्ड ने अपना स्वास्थ्यवर्धक खाद्य उत्पाद व्यवसाय यूनिवर्सल न्यूट्रीसाइंस को 587 करोड़ रुपये में बेचने की मंजूरी दी है।

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सनोफी इंडिया के बोर्ड ने स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद व्यवसाय यूनिवर्सल न्यूट्रीसाइंस को बेचने की मंजूरी दी - नवभारत टाइम्स

सब्जियों की पहली खेप UAE की गई निर्यात, कृषि व्यवसाय को मिला बड़ा प्रोत्साहन! - Krishi Jagran Hindi

Vegetables

देश के किसानों की आय में ज्यादा से ज्यादा बढ़ोतरी हो सके उसके लिए सरकार समय-समय पर पहल करती रहती है. इसी क्रम में उत्तराखंड से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के मकसद से एक बड़ी पहल की गई है. दरअसल उत्तराखंड कृषि उत्पाद विपणन बोर्ड (यूकेएपीएमबी) के सहयोग से एपीडा ने करी पत्ता, भिंडी, नाशपाती और करेला सहित सब्जियों की पहली खेप संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के दुबई को निर्यात किया है.

गौरतलब है कि सब्जियों का यह निर्यात उत्तराखंड में उगाए गए बाजरा की एक खेप मई, 2021 में डेनमार्क को निर्यात किए जाने के बाद हुआ है. दरअसल यूकेएपीएमबी तथा एक निर्यातक जस्ट ऑर्गेनिक के मदद से एपीडा ने निर्यात के लिए उत्तराखंड के किसानों से रागी, और झिंगोरा प्राप्त एवं प्रसंस्कृत कर, जो यूरोपीय संघ के जैविक प्रमाणन मानकों को पूरा करता है. उसका निर्यात किया था.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तराखंड सरकार जैविक खेती करने हेतु किसानों की सहायता करती रही है. दरअसल एक अनूठी पहल के जरिए राज्य के रागी, झिंगोरा, चौलाई आदि जैसे मोटे अनाजों का उत्पादन करने वाले किसानों की यूकेएपीएमबी जैविक प्रमाणन के लिए हजारों किसानों की सहायता करता रहा है.

अगर बात एपीडा (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) की करें तो यह खाद्य उत्पादों के निर्यात के लिए बाजार संवर्धन गतिविधियां, सूचित निर्णय लेने के लिए मार्केट इंटेलिजेंस, अंतर्राष्ट्रीय अनुभव, कौशल विकास, क्षमता निर्माण और उच्च गुणवत्ता वाली पैकेजिंग का कार्य करता है, वहीं उत्तराखंड को भारत के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात मानचित्र पर लाने के लिए प्रचार संबंधी गतिविधियाँ करता रहा है.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, एपीडा उत्तराखंड में एक पैक हाउस स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना बना रहा है, जो अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ताजे फल और सब्जियों के निर्यात के लिए अनिवार्य आवश्यकता या बुनियादी ढांचे की जरूरत को पूरा करेगा.

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Tuesday, July 27, 2021

सुपर मार्केट का व्यवसाय बढ़ाने का बनेगा रोडमैप - अमर उजाला - Amar Ujala

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जम्मू। प्रदेश में सुपर बाजारों के व्यवसाय को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए गए है। यह निर्देश सहकारिता विभाग की सचिव यशा मुदगल ने मंगलवार को अधिकारियों के बैठक के दौरान दिए। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सहकारी सुपर बाजारों के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए रोडमैप तैयार किया जाए। इसमें अपार संभावनाए हैं।
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उन्होंने इन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को आधुनिक तर्ज पर संशोधित करने के लिए कहा। लोगों की संख्या और पारदर्शिता दोनों बढ़ेगी। बैठक में रजिस्ट्रार सहकारिता, अतिरिक्त रजिस्ट्रार सहकारिता जम्मू, उप रजिस्ट्रार, सहायक रजिस्ट्रार, महाप्रबंधक और विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
सचिव ने अधिकारियों को इन सुपर बाजारों के जीर्णोद्धार के लिए राशि तत्काल जारी करने के लिए प्रेरित किया। आईटी उपकरणों का उपयोग करके इन सहकारी स्टोरों के व्यवसाय को पुनर्जीवित करने के लिए कहा। उन्होंने सभी सुपर बाजारों को जीईएम पोर्टल पर पंजीकृत करने के लिए कहा, ताकि सरकारी कार्यालयों और अन्य संगठनों के साथ सुरक्षित व्यवसाय कर सकें।

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देकुली धाम में मेला नहीं लगने से व्यवसाय प्रभावित - Hindustan हिंदी

ऐतिहासिक देकुली धाम स्थित भुवनेश्वर महादेव मंदिर में इस साल भी कोरोना महामारी को लेकर श्रावणी मेला का आयोजन नहीं होने से लगभग दो करोड़ रुपये का व्यवसाय प्रभावित होगा। श्रावणी मेला के दौरान स्थानीय लोगों के अलावा दूसरे जिला एवं नेपाल से भारी संख्या में श्रद्धालु एवं कांवरिया यहां पहुंचकर जलाभिषेक करते थे। श्रावण माह में पूरे महीने मंदिर में लोगों के आने का सिलसिला जारी रहता था। खासकर सावन माह के प्रत्येक सोमवार को हजारों की संख्या में लोग पूजा अर्चना करने आते थे। मेला में आने वाले लोग पूजा के बाद देकुली धाम का दही चिउरा खाना तथा प्रसाद के रूप में मूढी जिलेबी खरीदना नहीं भूलते। इस साल मेला नहीं लगने से परिसर में लगे एक दर्जन ऐसे दुकानों का व्यवसाय ठप रहेगा। मेला परिसर में शृंगार सामग्री, लोहे एवं काष्ठ की बनी सामग्री, पूजन सामग्री की दुकानों पर प्रत्येक रविवार एवं सोमवार को लाखों रूपये की बिक्री होती थी। इसी तरह क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक ऐसे माली हैं, जो श्रद्धालुओं को फूल माला तथा जलबोझी पात्र उपलब्ध कराते हैं। इससे उन्हें अच्छी आमदनी होती थी। वहीं मंदिर परिसर में पूजा पाठ, मुंडन तथा छठी पूजा के लिए पंडितों तथा मंदिर प्रबंधन को आय होता था। कई ऐसे पंडित, माली तथा दुकानदार हैं, जिनकी आय का साधन देकुली धाम में लगने वाला मेला है।

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सोनू सूद: छोटे व्यवसाय हमारे देश की रीढ़ हैं - न्यूज टुडे नेटवर्क

सोनू सूद: छोटे व्यवसाय हमारे देश की रीढ़ हैं मुंबई, 27 जुलाई (आईएएनएस)। अभिनेता और सामाजिक कार्यकर्ता सोनू सूद पिछले कुछ हफ्तों से सोशल मीडिया पर हैशटैग सपोर्ट स्माल बिजनेस के साथ सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे हैं।

वीडियो साझा करते हुए जहां उन्हें साइकिल पर रोटी और अंडे बेचने वाले की भूमिका निभाते हुए देखा जा सकता है, एक दूधवाले या ढाबा के मालिक को रोटियां बनाते हुए देखा जा सकता है। अभिनेता लोगों से स्थानीय व्यवसायों का समर्थन करने का अनुरोध कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वे हमारे देश की मूल रीढ़ हैं।

इस बारे में बात करते हुए, सोनू ने आईएएनएस से कहा, छोटे व्यवसाय हमारे देश की बुनियादी रीढ़ हैं। मैंने हमेशा छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने की कोशिश की है क्योंकि उन्हें समर्थन की आवश्यकता है। कई छोटे व्यवसाय अपनी दैनिक आजीविका को बनाए रखने में असमर्थ हैं। मैं कोशिश कर उनकी मदद करता हूं। जब भी मैं किसी को अपनी कड़ी मेहनत करते हुए देखता हूं और ईमानदारी से अपना दिन गुजारने की कोशिश करता हूं।

उन्होंने कहा, मैं एक बहुत छोटे शहर से आता हूं। मुझे पता है कि ये लोग अपने छोटे व्यवसायों को सफल बनाने के लिए कितनी मेहनत करते हैं। उन्हें आगे बढ़ाकर, हम देश की अर्थव्यवस्था की मदद कर सकते हैं, क्योंकि ये छोटे व्यवसाय जमीनी स्तर की कंपनियां हैं और यह देश के ग्रामीण इलाकों में काम करते हैं। इसलिए उनकी मदद करना हमेशा अच्छा लगता है।

फिल्मों की बात करें तो अभिनेता हिंदी ऐतिहासिक ड्रामा फिल्म पृथ्वीराज और तेलुगु एक्शन ड्रामा आचार्य जैसी आगामी परियोजनाओं में दिखाई देंगे।

--आईएएनएस

एसएस/आरजेएस

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मुख्यमंत्री स्वरोजगार अति सूक्ष्म योजना: उत्तराखंड में छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए मिलेगी 50 प्रतिशत सब्सिडी - अमर उजाला - Amar Ujala

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकार 50 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी। जल्द ही प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वरोजगार अति सूक्ष्म (नैनो) योजना शुरू की जाएगी। इसके लिए उद्योग विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है। व्यवसाय के लिए बैंक से 10 हजार ऋण लेने पर पांच हजार सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार अति सूक्ष्म योजना तैयार की है।
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शहरी क्षेत्रों में रेहड़ी फड़ी और फेरी विक्रेताओं के आजीविका के संरक्षण के लिए केंद्र सरकार ने स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना लागू की है। अब प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे व्यवसाय के माध्यम से रोजगार की योजना बनाई है। कोविड महामारी में काफी संख्या में राज्य के प्रवासी वापस अपने गांव लौटे हैं। जिसमें अधिकतर लोग अपना रोजगार छोड़ कर आए हैं। ऐसे लोगों को योजना में स्वरोजगार शुरू करने का मौका मिलेेगा। 

उद्योग निदेशक सुधीर चंद्र नौटियाल का कहना है कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार अति सूक्ष्म योजना को जल्द शुभारंभ किया जाएगा। इसके लिए विभाग ने तैयारी पूरी कर दी है। योजना में छोटा व्यवसाय शुरू करने के लिए अधिकतम 10 हजार का ऋण मिलेगा। जिसमें पांच हजार या 50 प्रतिशत सब्सिडी सरकार की ओर से दी जाएगी। 
योजना में ये व्यवसाय कर सकते हैं शुरू
नैनो योजना में सब्जी, फल विक्रेता, फास्ट फूड, चाय, पकौड़े, ब्रेड, अंडे की बिक्री, पलम्बर, टेलर, मोबाइल रिपेयर, ब्यूटी पार्लर, इंब्रायड्री, सिलाई-बुनाई, बुक बाइडिंग, स्क्रीन प्रिटिंग, पेपर मैच क्राफ्ट, धूप अगरबत्ती निर्माण, रिंगाल कार्य, पेपर बैग निर्माण, कैंडिल निर्माण, मशरूम की खेती, डेयरी, मशीन रिपेयर, फूल विक्रेता, कार वाशिंग, बेकरी, कारपेंट्री, लौहारगिरी समेत अन्य सूक्ष्म व्यवसाय शुरू कर रोजगार हासिल कर सकते हैं।

डीएम की अध्यक्षता में जिला स्तर पर समिति 
योजना को सुचारु रूप से क्रियान्वित करने के लिए जिला स्तर पर समितियां बनाई जाएगी। समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे। इसके अलावा मुख्य विकास अधिकारी, जिला अग्रणी बैंक के प्रबंधक, जिला महाप्रबंधक उद्योग, राष्ट्रीयकृत बैंकों के प्रतिनिधि, खंड विकास अधिकारी, उद्योग विभाग की ओर से नामित संस्था के प्रतिनिधि सदस्य होंगे। 

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मुख्यमंत्री स्वरोजगार अति सूक्ष्म योजना: उत्तराखंड में छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए मिलेगी 50 प्रतिशत सब्सिडी - अमर उजाला - Amar Ujala
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Sunday, July 25, 2021

श्रावणी मेला स्थगित होने से कांवर व गेरूआ वस्त्र का व्यवसाय भी चौपट - दैनिक जागरण

समस्तीपुर। पिछले साल की तरह इस बार भी श्रावण मास पर कोरोना संक्रमण की काली छाया है। कोरोना संकट को लेकर एक माह तक चलने वाले श्रावणी मेला स्थगित होने से जहां श्रद्धालुओं में मायूसी है वहीं सीजनल कारोबारियों पर भी इसका गहरा असर पड़ा है। श्रावणी मेला हर वर्ष बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराता रहा है। मार्च के बाद से अबतक कोरोना के चलते भारी नुकसान झेल रहे कारोबारियों ने सावन में उम्मीद लगा रखी थी। लेकिन, कोराना के बढ़ते संक्रमण ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। फूल के अलावे जलाभिषेक से जुड़े कांवर, गमछा, गंजी व अन्य परिधान, प्रसाद व अन्य कारोबार प्रभावित हुए। जिले में व्यापक रूप से श्रावणी मेला का आयोजन किया जाता था। इस अवसर पर पूजन सामग्री से लेकर वस्त्र व कांवर की हजारों दुकानों सज जाती थी। कांवरियां पथ पर हजारों लोगों को रोजगार मिलता था। एक महीने के मेले के रोजी से हजारों परिवारों को साल भर तक रोटी मिलती थी। लेकिन, पिछले साल की तरह इस बार भी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। सरकार ने श्रावण मास तक शिवालयों को भी बंद रखने का आदेश जारी कर दिया।

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सीजनल कारोबार प्रभावित

श्रावणी मेला में यहां लाखों का कारोबार होता है। इसमें होटल, रेस्टोरेंट, कपड़ा, पंडा, कांवर, डिब्बा, फल-फूल, अगरबत्ती, पूजा पाठ सामग्री आदि व्यवसाय की तैयारी कई महीनों से होती है। महेश झा थानेश्वर स्थान मंदिर के पास फूल व पूजन सामग्री बेचने का काम करते हैं। इनका कहना है कि श्रावणी मेला में श्रद्धालुओं का तांता लगा जाता है। सैकड़ों अस्थायी दुकानें खुल जाती थी। एक कांवरियां न्यूनतम 100 से 200 रुपये खर्च करते थे। चाय, नाश्ता आदि में न्यूनतम 50 रुपये खर्च करते थे। ----------------------

फूलों के बाजार में नहीं आई बहार

लॉकडाउन के बाद फूल कारोबारी मंदी से उबर नहीं पाए। जाफरानी, वेली, गुलाब और रजनीगंधा की खुशबू संग फूलों का बाजार सजता था। लेकिन, मंदी के कारण बाजार बेजार हो गया है। कारोबारियों ने सावन में उम्मीद लगा रखी थी। लेकिन श्रावणी मेला स्थगित होने से फूलों की बिक्री ऐसी प्रभावित हुई कि लागत भी नहीं निकल पा रहा है। गेंदा के अलावे ज्यादातर फूल बंगाल और कलकत्ता से आते थे। गोला बाजार स्थित फूल कारोबारी हिमांशु कहते हैं कि खर्च निकलना भी मुश्किल है। ऐसे में हालात में परिवार पालना भी मुश्किल हो रहा है। फूलों की बिक्री क्या घटी, कीमत भी जमीन पर आ गई।

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कपड़ा व्यवसाय भी प्रभावित

कपड़ा और रेडिमेड व्यवसाय पर गहरा असर पड़ा है। दो माह लॉकडाउन के बीत गए। लगन व रमजान को लेकर कुछ तेजी आई। कारोबारी श्रावण माह को लेकर उम्मीद लगाए थे। लेकिन कोरोना के कहर से व्यवसायियों की उम्मीद धराशायी हो गई। कपड़ा व्यवसाइयों ने बताया कि लॉकडाउन के बाद कपड़ा व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है।

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व्यवसाय के शिखर पहुंचने के लिए राह दिखाएगी यह पुस्तक - Navbharat Times

Saturday, July 24, 2021

व्यवसाय में मुनाफा देने की बात कह 5.50 की लाख ठगनेवाला गया जेल - दैनिक जागरण

संस, भौंरा : भौंरा ओपी पुलिस ने शनिवार को सोना-चांदी के व्यवसाय में बराबर का मुनाफा कमाने का प्रलोभन देकर 5.50 लाख रुपये ठगी करने के आरोप में मुकुंदा निवासी संजय कुमार रवानी को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने पूछताछ के बाद शनिवार को संजय को जेल भेज दिया। भौंरा ओपी में भुक्तभोगी जहाजटांड़ निवासी ईंट व्यवसायी दिनेश कुमार मुर्मू के बयान पर संजय के खिलाफ ठगी व एससीएसटी के तहत मार्च 21 में मामला दर्ज हुआ था। उसी समय से आरोपित फरार चल रहा था। पीड़ित दिनेश पुलिस से कहा कि एक दिन संजय मुझसे मिलने मेरे घर जहाजटांड़ बस्ती आया। कहा कि वह सोना-चांदी का व्यवसाय करता है। अगर इसमें पैसा लगाओगे तो बराबर का मुनाफा कमाएगा। उसके झांसे में आकर अपने एसबीआइ झरिया शाखा का 11 चेक के माध्यम से संजय को 5.50 लाख रुपये का भुगतान किया। तय समय के बाद जब रुपये वापस मांगा तो उसने 2.25 लाख का तीन चेक भुगतान के लिए दिया, लेकिन वह बाउंस हो गया। इसकी सूचना संजय को दी। संजय ने कहा कि कि घबराने की जरूरत नहीं है। तुम्हारा 2.25 लाख नकद जल्द भुगतान कर देंगे। संजय के घर जब पहुंचा तो वह कहा कि ठगी करना मेरा पेशा है। मुझे धक्का मार कर घर से बाहर कर दिया। धमकी दी कि दुबारा पैसे मांगने आया तो हत्या कर शव फेंकवा देंगे। पीड़ित ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है।

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5.50 लाख ठगी के आरोप में मुकुंदा से आरोपी संजय रवानी को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। आगे की छानबीन जारी है।

- हिमांशु कुमार, भौंरा ओपी प्रभारी।

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Thursday, July 22, 2021

आज का वृश्चिक राशिफल 23 जुलाई : व्‍यवसाय में लाभ पाने के ल‍िए करें यह कार्य, पिता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान - नवभारत टाइम्स

scorpio

आजीविका : scorpio यानी क‍ि वृश्चिक राश‍ि के जातकों के ल‍िए आज का दिन व्यापार में बेहतर स्थिति को दर्शाने वाला रहेगा। फर्नीचर संबंधी व्यापार की बेहतर स्थिति देखी जाएगी। व्यापारिक साख के अनुरूप कोई बड़ा आर्डर प्राप्त करने में आसानी होगी। किसी कंपनी द्वारा कोई विशेष सम्मान भी प्रदान किया जा सकता है। कोई सरकारी आर्डर / टेंडर हेतु भी सफलता प्राप्त हो सकती है। नौकरी पेशा वर्ग में कर्मचारी व्यस्त देखे जाएंगे।

पारिवारिक जीवन : घर-पर‍िवार में सुखद वातावरण देखा जाएगा। सभी सदस्यों में अच्छा तालमेल एवं सहयोग की भावना देखी जाएगी।

आज आपकी सेहत : पिता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। स्वास्थ्य नियमों का पालन करें।

आज वृश्चिक राशि के उपाय : उगते सूर्य को नियमित जल दें। मान्‍यता है क‍ि ऐसा करने से ब‍िगड़ने कार्य बनने लगते हैं।

ऐस्‍ट्रॉलजर अम‍ित सोनी
aks@hotmail.co.in

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आज का वृश्चिक राशिफल 23 जुलाई : व्‍यवसाय में लाभ पाने के ल‍िए करें यह कार्य, पिता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान - नवभारत टाइम्स
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Wednesday, July 21, 2021

राशिफल 22 जुलाई: मीन को व्यवसाय में लाभ, जानें क्या कहते हैं आपके तारे - आज तक

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राशिफल 22 जुलाई: मीन को व्यवसाय में लाभ, जानें क्या कहते हैं आपके तारे  आज तक
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कोरोना की लहर कम होते ही बढ़ने लगे व्यवसाय, जानें- क्या कहते हैं कॉरपोरेट मंत्रालय के आंकड़े - TV9 Hindi

नई कंपनियों और एलएलपी के पंजीकरण में पिछले अप्रैल में देशव्यापी लॉकडाउन के परिणामस्वरूप तेज गिरावट देखी गई थी, लेकिन जून के बाद से इसमें सुधार हुआ. हालांकि इस साल मई के आंकड़ों में थोड़ी गिरावट देखी गई.

कोरोना की लहर कम होते ही बढ़ने लगे व्यवसाय, जानें- क्या कहते हैं कॉरपोरेट मंत्रालय के आंकड़े

Business Growth: नए व्यवसायों का पंजीकरण बढ़ा (Pexels)

कोरोना महामारी पर नियंत्रण का असर अब स्पष्ट रूप से दिखने लगा है. जून के महीने में 16,600 व्यवसायों को पंजीकृत किया गया है, जो एक साल पहले समान अवधि की तुलना में लगभग 26 फीसदी अधिक हैं. कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि महामारी की दूसरी लहर समाप्त होने पर उद्यमशीलता बढ़ रही है.

जून में शामिल किए गए सभी नए व्यवसायों में से 12,722 नई कंपनियां थीं और 3,940 सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) थीं , जो सर्विस सेक्टर द्वारा पसंद किया जाने वाला एक अधिक लचीला व्यावसायिक विकल्प है. इस वर्ष मई की तुलना से जून में व्यापार पंजीकरण की संख्या में 16.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

एक व्यवसाय की शुरुआत, निवेश के इरादे और आर्थिक गतिविधियों में संभावित वृद्धि को इंगित करता है, हालांकि कई कारक इन व्यावसायिक निवेश को प्रभावित करते हैं. कुछ व्यवसायों को केवल संपत्ति का स्वामित्व के पाने के लिए शुरू किया जाता है.

लॉकडाउन के कारण आई थी गिरावट

नई कंपनियों और एलएलपी के पंजीकरण में पिछले अप्रैल में देशव्यापी लॉकडाउन के परिणामस्वरूप तेज गिरावट देखी गई थी, लेकिन जून के बाद से इसमें सुधार हुआ. हालांकि इस साल मई के आंकड़ों में थोड़ी गिरावट देखी गई. वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में अब तक का कुल रुझान एक साल पहले की रिपोर्ट की तुलना में मजबूत रहा है, जो व्यवसायों पर महामारी की दूसरी लहर के कम प्रभाव की ओर इशारा करता है.

जून में जीएसटी में आई गिरावट

दूसरी लहर के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में लगाए गए स्टे-एट-होम प्रतिबंधों के कारण जून में माल और सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में मामूली गिरावट आई. आधिकारिक डेटा ने इस महीने की शुरुआत में दिखाया कि जून में एकत्र किया गया जीएसटी लगातार आठ महीनों तक 1 ट्रिलियन रुपए के स्तर से ऊपर रहने के बाद पहली बार उससे नीचे गिरा.

सरकार कर रही है कई तरह के प्रयास

दूसरी लहर के आर्थिक प्रभाव से निपटने में मदद के लिए, सरकार ने व्यवसायों को ऋण गारंटी और ऋण सहायता के पैकेज की घोषणा की है. साथ ही, स्वास्थ्य सुविधाओं के निर्माण में मदद के लिए अधिक धन आवंटित किया गया है. कम समय में बेहतर अर्थव्यवस्था की ओर लौटने के लिए वर्तमान सरकार नई फैक्ट्रियों के लिए प्रोत्साहन, सीमा शुल्क ढांचे में सुधार और बुनियादी ढांचे में निवेश की सुविधा बढ़ाने पर ध्यान दे रही है. (Source: PBNS)

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लखनऊः कोरोना चौपट कर रहा है होटल व्यवसाय ... - Bharat Khabar

लखनऊ। कोरोना काल में सेहत के साथ जेब पर भी वायरस का हमला हुआ है,बहुत से व्यापार खस्ता हाल हैं,मंदी जैसे हालात हैं,धीरे-धीरे कारोबारी अपने व्यवसाय को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं,लेकिन कोरोना के एक और लहर का खतरा उनकी उम्मीदों पर पानी फेर सकता है,इसके पीछे का सबसे बड़ा काराण कोरोना की पहली व दूसरी लहर में कारोबार का मंद पड़ जाना रहा है या यूं कहें कि बंद हो जाना रहा है, तो गलत न होगा।

होटल इंडस्ट्री के हाल तो इतने खराब है कि इस व्यवसाय से जुड़े कारोबारी मौजूदा दौर में दस से पन्द्रह प्रतिशत कारोबार कर पा रहे हैं। इन्हीं सब मुद्दों पर भारत खबर संवाददाता वीरेंद्र पाण्डेय ने यूपी होटल बार एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट राकेश छावड़ा ‘पम्मी’ से बात की और यह जानने की कोशिश की किस हालत में है होटल कारोबार।

यूपी होटल बार एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट राकेश छावड़ा ‘पम्मी’ राजधानी के जाने माने होटल कारोबारी है,होटल सियोना रेजीडेंसी लखनऊ के बड़े होटलों में शुमार है।

यूपी होटल बार एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट राकेश छावड़ा ‘पम्मी’ के मुताबिक कोरोना काल में बड़े होटलों को भारी नुकसान हुआ है। इस दौरान वही होटल थोड़ा बहुत कारोबार कर सके हैं,जिनके यहां शादी,ब्याह के आयोजन हो रहा है।

वह बताते हैं कि मौजूदा समय में होटल इंडस्ट्री का दस से पन्द्रह प्रतिशत ही काम चल रहा है, खर्चे हमारे पहले जैसे ही हैं। उन्होंने बताया कि खर्चे में हम कटौती कर नहीं सकते,बस स्टाफ की संख्या पहले के मुकाबले कम की है,लेकिन जिस स्टाफ को छुट्टी दी है,उनके रहने व खाने का खर्च तो वहन करना ही पड़ रहा है,बात करें बिजली के बिल की तो उसमें कोई छूट मिली नहीं।

25 फीसदी की आई गिरावट

उन्होंने कहा कि पिछले लॉकडाउन से अब तक 40 प्रतिशत का कारोबार होटल इंडस्ट्री ने किया है। यदि यह कारोबार 50 से 60 फीसदी तक हो जाता तो हम बराबर पर छुट जाते,यानी की जो खर्च आ रहा था,उतना निकल जाता।

सरकार से बार लाइसेंस फीस माफ करने की उठ रही मांग

यूपी होटल बार एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट राकेश छावड़ा ‘पम्मी’ ने सरकार से बार लाइसेंस फीस माफ करने की अपील की है। इसके पीछे की वजह वह बताते हैं कि पिछले साल बार लाइसेंस रिनीवल के लिए फरवरी महीने में फीस जमा की गयी,जिसके बाद कोरोना ने दस्तक दे दी और बार को लगभग 6 महीने के लिए बंद करना पड़ा। इस बार भी ऐसा ही हुआ जैसे ही फरवरी में फीस जमा की अप्रैल में कोरोना की भयावह स्थित को देखते हुये बार करीब दो महीने बंद रहे, जिससे भारी नुकसान उठाना पड़ा।

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मीन राशि साप्ताहिक राशिफल 18 से 24 जुलाई : व्यवसाय में नए निवेश से बचें - नवभारत टाइम्स

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Tuesday, July 20, 2021

कोरोना काल में व्यवसाय के रुझान पर हुई चर्चा - Hindustan हिंदी

ग्लोकल यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम में डॉक्टर कनुप्रिया गुप्ता ने कहा कि कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से अधिकांश व्यवसाय ग्राहक आधार में गिरावट, ऑन-होल्ड भुगतान, कम कार्यबल, प्रौद्योगिकी की अनिवार्यता और कच्चे माल, आपूर्ति की अनुपलब्धता के साथ गति बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे थे। इस प्रक्रिया में उत्पादन गहन उद्योगों को सबसे अधिक नुकसान हुआ। हालांकि फार्मा और स्वास्थ्य उद्योग ने हर समय तीव्र दबाव झेला, लेकिन यह व्यवसाय फला-फूला। इसने कई लोगों को अपने करियर के विकल्प के रूप में फार्मा और स्वास्थ्य क्षेत्र को अपनाने के लिए प्रेरित किया। अस्पताल प्रशासन, भेषज, स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन, फिटनेस, योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा आदि से संबंधित प्रबंधन पाठ्यक्रम एक बढ़ा हुआ करियर विकल्प बन गया है।

उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग आसानी से घर के पैटर्न से काम करने लगे। कंपनियां वर्चुअल मोड को लागत में कटौती के नए उपकरण के रूप में देखती हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर साइंस और अन्य आईटी संबंधित पाठ्यक्रमों में इंजीनियरिंग को भी शिफ्ट में बढ़ावा मिलेगा।

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Jabalpur News : रंगीन मछलियों के व्यवसाय में हैं अपार संभावनाएं - Nai Dunia

Publish Date: | Wed, 21 Jul 2021 06:30 AM (IST)

जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय में एक दिवसीय आनलाइन राष्ट्रीय प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जहां सजावटी मत्स्य पालन में उद्यमिता विकास अवसर विषय पर बात की गई। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड द्वारा पोषित किया गया है। आयोजन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सीता प्रसाद तिवारी का मार्गदर्शन रहा।

मन को सुकून मिलता है : उद्घाटन में सबसे पहले अधिष्ठाता संकाय व महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. आरपीएस बघेल ने बताया कि रंगीन मछलियों से वातावरण अच्छा हो जाता है और मन को सुकून भी मिलता है।

कार्यक्रम समन्वयक डॉ. माधुरी शर्मा ने आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत की। इसके बाद मुख्य अतिथि एडीजी आइसीएआर नई दिल्ली डॉ बीपी मोहंती ने कहा कि रंगीन मछली पालन व्यवसाय में अपार संभावनाएं हैं। इस व्यवसाय को अपनाकर युवा महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकते हैं। विशिष्ट अतिथि व मुख्य वक्ता निदेशक सीफा, भुवनेश्वर डॉ. एसके स्वैन ने रंगीन मछलियों में उद्यमिता विकास की संभावनाओं विषय पर व्याख्यान दिया। मध्यप्रदेश में सीफा के सहयोग से रंगीत मछली पालन के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। विशिष्ट अतिथि कुलसचिव विश्वविद्यालय प्रो. डॉ. एस के जोशी ने बताया कि मध्यप्रदेश का वातावरण रंगीन मछलियों के पालन के लिए उपयुक्त है। इस व्यवसाय को बढ़ाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में सम्मानीय अतिथि प्रभारी निदेश मत्स्य पालन विभाग भरत सिंह ने बताया रंगीन मछलियों के व्यवसाय के क्षेत्र में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। विशेष उपस्थिति प्रभारी संयुक्त निदेशक मत्स्य पालन केएल मरावी की रही। साथ ही वैज्ञानिक डॉ. बीके महापात्रा, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अर्चना सिन्हा, डॉ. बी अहिलन, डॉ. श्याम सुंदर दाना व डॉ. एमजीआर ने अपनी बात रखी।

426 प्रतिभागियों ने कराया पंजीयन : कार्यशाला में 426 प्रतिभागियों ने पंजीयन कराया। आभार प्रदर्शन डॉ. प्रीति मिश्रा ने किया। समन्वयक डॉ. माधुरी शर्मा के साथ ही मुकेश कुमार, सुजीत कुमार राय व शुभेंदु द्विवेदी का सहयोग रहा।

Posted By: Brajesh Shukla

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दहेज में एक लाख रुपये के लिए घर से निकाला - दैनिक जागरण

सीतामढ़ी। दहेज में व्यवसाय के लिए एक लाख रुपये लाने से इनकार करने पर पति समेत ससुरालियों ने दुल्हन को प्रताड़ित कर घर से भगा दिया।

सीतामढ़ी। दहेज में व्यवसाय के लिए एक लाख रुपये लाने से इनकार करने पर पति समेत ससुरालियों ने दुल्हन को प्रताड़ित कर घर से भगा दिया। सीतामढ़ी एसपी के आदेश पर पीड़िता बेलमोहन टोला निवासी शहजादी खातून के आवेदन के आलोक में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। जिसमे उसके पति दरभंगा जिले के जाले थाना अंतर्गत राढ़ी गांव निवासी नेजाम, ससुर कुदुस, सास समीना खातून, देवर मसले, सकील और अकील को नामजद किया गया है। प्राथमिकी के मुताबिक, दो साल पहले शहजादी की शादी हुई थी। तब उसके पिता बेलमोहन निवासी एखलाख ने 51786 रुपये का मोहर दैन के अलावा आभूषण समेत आठ लाख रुपये खर्च किए। कोरोना संक्रमण के कारण उसका पति नेजाम का दिल्ली में सब्जी का व्यवसाय बंद होने के कारण वह घर आ गया। बीते 10 जून को उसका पति व्यवसाय के लिए मायके से एक लाख रुपये लाने के लिए दवाब बनाया। इनकार करने पर सभी उसके साथ मारपीट करने लगे और घर से निकाल दिया। उसके पिता बुलाकर पुपरी घर ले आए। 13 जून को बाइक से उसका पति बेलमोहन पहुंच गया। जहां उसको चलने के लिए जोर जबर्दस्ती की। घर पर ससुर को नहीं देखकर मारपीट की।

पूछताछ के बाद दुष्कर्म के आरोपित को भेजा जेल

तरियानी, संस : तरियानी थाना पुलिस ने बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में गिरफ्तार आरोपित को पूछताछ के बाद मंगलवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पूछताछ में आरोपित तरियानी छपरा थाना के बिलैया निवासी उमेश साह ने शराब के नशे में दुष्कर्म की बात स्वीकारी है। बताते चलें कि, शनिवार को तरियानी थाना क्षेत्र के एक गांव में दरवाजे पर खेल रही दस वर्षीया बच्ची को उठाकर सरेह में ले जाकर उक्त युवक ने दुष्कर्म किया था। मामले में बच्ची की मां ने थाने में पोक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। सोमवार को बिलैया गांव के सरेह में छिपा आरोपित चौकीदार सत्यनारायण पासवान के हत्थे चढ़ गया। इस दौरान दोनों के बीच भिड़ंत भी हुई थी। चौकीदार की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे दबोच लिया।

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पटरी पर लौटा स्ट्रीट वेंडरों का व्यवसाय - दैनिक जागरण

पीलीभीत,जेएनएन : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर काबू में आने के बाद आंशिक कोरोना क‌र्फ्यू में छूट बढ़ जाने से स्ट्रीट वेंडरों का व्यवसाय पटरी पर आने लगा है। दूसरी ओर रेलवे स्टेशन चौराहा के आसपास का बाजार अभी मंदी से नहीं उबर सका। क्योंकि कुछ ही ट्रेनों का संचालन हो रहा । उसमें भी यात्रियों की संख्या काफी कम रहती है। स्टेशन चौराहा का कारोबार एक साल से अधिक समय से प्रभावित हो रहा है।

शहर में विभिन्न मार्गों पर कई दर्जन वेंडर अपने स्टाल लगाते हैं। गोलगप्पा, आलू की टिक्की, समोसा समेत खानपान की वस्तुएं सड़क किनारे स्टाल लगाकर स्ट्रीट वेंडर अपने परिवारों का पालन पोषण करते हैं। कोरोना संक्रमण काल में इनका व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो गया था। बाद में जब कुछ छूट मिली तो बाजार बंदी का समय शाम सात बजे कर दिया गया जबकि स्ट्रीट वेंडरों का तो व्यवसाय शाम के समय ही शुरू होता है। शहर में घूमने-फिरने निकलते हैं, तो स्ट्रीट फूड्स की मांग बढ़ती है। बाद में जब बाजार बंद करने का समय आठ बजे हुआ तो स्ट्रीट वेंडरों को कुछ राहत मिली। अब रात दस बजे तक की छूट मिल जाने से स्ट्रीट वेंडरों के कारोबार में चमक आने लगी है। अप्रैल और मई के महीने में इन वेंडरों को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ा, परन्तु अब आमदनी होने लगी है। दूसरी ओर रेलवे स्टेशन चौराहा के आसपास स्थित बाजार की मंदी अभी तक दूर नहीं हुई। ट्रेनें सीमित संख्या में चल रहीं। उनमें भी यात्री कम रहते हैं। ऐसे में दुकानदारी नाममात्र की रह गई है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो गया था। परिवार का खर्च पूरा करने में समस्या आ रही थी लेकिन अब धीरे धीरे व्यवसाय पटरी पर आ रहा है।

मनोज कुमार जब शाम सात बजे तक ही स्टाल लगाने की अनुमति रही, तो उसका कोई फायदा नहीं मिल सका। अब रात दस बजे तक का समय दे दिया गया है। इससे व्यवसाय सुचारू होने की उम्मीद है।

रजत वर्मा कोरोना जैसी महामारी के दौरान छोटे छोटे व्यवसाय करने वालों को बड़ी मुश्किलों के दौर से गुजरना पड़ा है। अब रात दस बजे तक बाजार खुलने की अनुमति मिलने से राहत महसूस कर रहा।

राकेश कुमार छोटा सा व्यवसाय है, उस पर भी कोरोना ने सब चौपट कर दिया था। गनीमत है कि अब संक्रमण काबू में आ जाने से रात दस बजे तक दुकान खोलने की अनुमति मिलने से राहत है।

गंगा सिंह सवा साल होने जा रहा है। रेलवे स्टेशन चौराहा का बाजार मंदी का शिकार है। गिनी चुनी ट्रेनें चल रही हैं। उनमें भी कम ही लोग सफर करते हैं। ऐसे में दुकानदारी नाममात्र रह गई है।

वासु कश्यप रेस्टोरेंट चलाना मुश्किल हो रहा है। कोरोना से पहले सभी ट्रेनें चल रही थीं, तब ग्राहकों का आवागमन बना रहता है। अब ग्राहक के इंतजार में घंटों खाली बैठे रहना पड़ रहा है।

आदेश जायसवाल सुबह, दोपहर और शाम की ट्रेनों का संचालन जब तक पहले की भांति शुरू नहीं हो जाएगा, तब तक यहां मंदी के हालात बने रहेंगे। साल भर से कारोबार लगभग चौपट है, आगे उम्मीदें हैं।

धीरज कुमार पहले जब ट्रेन आती थी, तो फल खरीदने के लिए यात्री उमड़ने लगते थे। अब ऐसा नहीं है। इक्का दुक्का ग्राहक आते रहते हैं। उन्हीं के माध्यम से जो बिक्री होती है, उसी से काम चल रहा।

जीवन लाल

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पटरी पर लौटा स्ट्रीट वेंडरों का व्यवसाय - दैनिक जागरण
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Monday, July 19, 2021

आनलाइन व्यवसाय करने वाली कंपनियों को भाया जशपुरिहा चाय - Nai Dunia

Publish Date: | Mon, 19 Jul 2021 06:41 PM (IST)

जशपुरनगर नईदुनिया प्रतिनिधि। जशपुरिहा चाय का बाजार देश में लगातार बढ़ता जा रहा है। वनविभाग के मार्ट और आउटलेट दुकान के माध्यम से देश के कोने कोने तक पहुंच रही इस चाय की खुश्बू अब देश की जानी मानी आनलाइन व्यवसाय करने वाली कंपनियों को भी भाने लगा है। इन कंपनियों से विभाग को ग्रीन टी और ब्लैक टी के आर्डर लगातार मिल रहें हैं। बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के लिए वनविभाग जिले में बागान के विस्तार का कार्य तेजी से कर रही है। सरकारी बगान के साथ नीजि भूमि पर बगान विकसीत करने के लिए भी विभिन्ना सरकारी योजना के माध्यम से किसानों को सहायता दी जा रही है। डीएफओ एसके जाधव ने बताया कि जिले में फिलहाल चाय के चार बगान मौजूद हैं। इनमें तीन सरकारी और एक नीजि क्षेत्र का बगान है। इन बगानों का रकबा तकरीबन 80 एकड़ है। इन बगानों से चाय की पत्तियों की तुड़ाई कर इन्हें जशपुर के बालाछापर और मनोरा तहसील के सोगड़ा में स्थापित टी प्रोसेसिंग यूनिट में तैयार कर पैकेजिंग की जाती है। उन्होनें बताया कि जशपुर जिले में उत्पादित चाय की विशेषता इसकी शतप्रतिशत जैविक खाद पर आधारित होना है। इसकी वजह से चाय की खुश्बू और इसका स्वाद तो बेहतर होता ही है,साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी यह अधिक असरकारक होता है। इन्ही विशेषताओं की वजह से बाजार में जशपुर की चाय की मांग तेजी से बढ़ती जा रही है। चाय के पैंकेट को फिलहाल वनविभाग अपने आउटलेट और मार्ट के साथ खुले बाजार में भी उतार चुकी है। डीएफओ ने बताया कि अब विभाग को आनलाइन कंपनी की ओर से भी चाय पत्ती आपूर्ति के लिए आर्डर मिलने लगी है। विभाग प्रोसेसिंग और पैकेजिंग के बाद तैयार चाय को 24 सौ से 7 सौ रूपए प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है। उन्होनें बताया कि हैंड मेड चाय 24 सौ रूपए प्रति किलो और प्रोसेस किया हुआ चाय 7 सौ रूपए प्रति किलो दर निर्धारित किया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि जिले में चाय बगान की शुरूआत वर्ष 2007 में शहर के नजदीक स्थित धार्मिक स्थल सोगड़ा में अवधूत भगवान राम के मार्गदर्शन में किया गया था। उन्होनें असम से चाय के पौधें मंगा कर,प्रसिद्व चाय विशेषज्ञ आईडी सिंह के मार्गदर्शन में आश्रम परिसर में इसे रोपा था। चाय विशेषज्ञों द्वारा किए गए अध्ययन में यहां की जलवायु,मिट्टी और भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकुल पाएं जाने पर 11 एकड़ में इसका विस्तार किया गया था। सोगड़ा में चाय बगान को मिली सफलता के बाद वर्ष 2011 में जिला प्रशासन ने शहर के नजदीक ग्राम पंचायत सारूडीह के ढरूआकोना गांव में 11 किसानों की जमीन को किराए पर लेकर वनविभाग के माध्यम से जिले में पहले सरकारी चाय बगान की शुरूआत की थी। शुरूआत में लड़खड़ाने के बाद यह सरकारी बगान अब लहलहाने लगा है। सारूडीह के साथ इस वक्त मनोरा,बालाछापर में भी चाय बगान तैयार हो चुकी है। बालाछापर में चाय के पौधें तैयार करने के लिए एक नर्सरी भी वन विभाग स्थापित कर चुका है। जशपुर की जलवायु में तैयार चाय के पौधे,दूसरे राज्यों से लाए गए पौधों के मुकाबले बेहतर परिणाम दे रहें है। सरकारी चाय बगान को मिली आशातीत सफलता से अब किसान अपनी नीजि भूमि पर बगान लगाने के लिए आगे आने लगे हैं।

बाक्स :

पर्यावरण के साथ आर्थिक मददगार है चाय की खेती-

चाय बगान,किसानों के लिए आर्थिक रूप से तो फायदेमंद है ही,साथ ही पर्यावरण के लिहाज से भी यह बेहद मददगार होता है। डीएफओ एसके जाधव ने बताया कि चाय बगान में साल भर में कम से कम तीन बार पत्तियों की तुड़ाई की जाती है। नगद फसल होने के कारण,किसानों को पत्ती की कीमत तत्काल मिल जाती है। साथ ही चाय बगान में चाय के पौधों को छाया देने के लिए छायादार पेड़ों की वृहद पैमाने पर लगाया जाता है,इससे वन परिक्षेत्र में वृद्वि होती है और चाय बगान से उत्सर्जित होने वाले आक्सीजन,वायुमंडल को शुद्व करते हैं।

वर्जन

आनलाइन कंपनियों से चाय आपूर्ति का आर्डर मिल रहा है। इसकी पूर्ति के लिए आवश्यक व्यवस्था की जा रही है। बगान के विस्तार का लगातार प्रयास किया जा रहा है।

एसके जाधव,डीएफओ,जशपुर।

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Sunday, July 18, 2021

लोहापट्टी में जलजमाव से व्यवसाय पर पड़ रहा असर - Hindustan हिंदी

मधुबनी, निज संवाददाता

शहर में व्यवसायिक एरिया लोहापट्टी में इन दिनों जलजमाव से कारोबार प्रभावित हो रहा है। नाला नहीं बनने के कारण पानी का बहाव सही से नहीं हो रहा है। इसकारण नाला का पानी सड़क पर आ गया है। रविवार को भी सड़क पर गंदा पानी लगा रहा जिसे लेकर जेपी सेनानी हनुमान प्रसाद राउत ने गहरी नाराजगी व्यक्त की और इसकी जानकारी उन्होंने नगर निगम के आयुक्त राकेश कुमार को भी दी। उन्होंने शीघ्र समस्या के समाधान नहीं होने पर आंदोलन की भी चेतावनी दी है। यहां के व्यवसायी हरिभूषण राउत, पवन कुमार, सुनील कुमार, विजय प्रधान और सीताराम प्रधान ने बताया कि यहां केजलजमाव के कारण प्रतिदिन कारोबार प्रभावित हो रहा है।

नाला के गंदा पानी की वजह से इधर ग्राहक नहीं आ रहे हैं। वहीं स्थानीय लोगों के लिए यह खतरनाक बनता जा रहा है। क्योंकि इस गंदा पानी के कारण संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका है। लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है।

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अल्टरनेट डे व्यवसाय के निर्देश से आहत व्यवसायियों ने दिया धरना - दैनिक जागरण

मोतिहारी। मोतिहारी चेंबर ऑफ कॉमर्स ने शहर के बीचोबीच कस्टम कार्यालय के सामने रविवार को बिहार सरकार के व्यवसाय विरोधी नियमों के खिलाफ सांकेतिक धरना दिया।

मोतिहारी। मोतिहारी चेंबर ऑफ कॉमर्स ने शहर के बीचोबीच कस्टम कार्यालय के सामने रविवार को बिहार सरकार के व्यवसाय विरोधी नियमों के खिलाफ सांकेतिक धरना दिया। वक्ताओं ने कहा कि बिहार में अन्य प्रदेशों की तुलना में करोना का ग्राफ काफी कम है, लेकिन सरकार के कठोर निर्णय से 30 दिनों की तुलना में 15 दिन ही व्यापार करने की छूट दी जा रही है। इससे व्यवसायियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कहा कि ऐसी स्थिति रही तो व्यवसायी सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे। धरना पर बैठे व्यवसायियों के हाथों में बिहार सरकार की नीति बनी जंजाल व्यवसाई गन हुए बेहाल, मोतिहारी चेंबर करे पुकार अन्य प्रदेशों की तरह खोले व्यापार, व्यवसाय का करके विनाश कैसे होगा राज्य का विकास आदि स्लोगन युक्त तख्ती देखी गई। अध्यक्ष सुधीर अग्रवाल ने कहा कि सरकार हमारी मांगों पर ध्यान दें अन्यथा प्रदेश के सभी व्यवसायी संगठन चरणबद्ध आंदोलन करने को बाध्य होंगे। महासचिव अभिमन्यु कुमार ने कहा कि मोतिहारी नगर परिषद क्षेत्र कोरोना वायरस के प्रथम डोज को शत प्रतिशत लेकर बिहार का प्रथम नगर निगम क्षेत्र बन चुका है, जिसको लेकर बिहार सरकार ने बधाई भी दी है। फिर भी सरकार ने महीने में 15 दिन ही व्यापार करने का आदेश दिया है, जो व्यवसायी हित में न्याय संगत नहीं है। उपाध्यक्ष सुधीर गुप्ता ने कहा कि अन्य प्रदेशों की तुलना में बिहार में भी व्यवसाय प्रतिदिन करने का मौका सरकार को देना चाहिए। चेंबर संयोजक रवि कृष्ण लोहिया ने कहा कि अल्टरनेट डे से बाजारों में बढ़ती भीड़ को देखकर प्रतिदिन व्यापार की इजाजत सरकार को देना चाहिए। वही निवर्तमान अध्यक्ष डॉ. विवेक गौरव ने कहा कि व्यापारी बंधु दुकान का मासिक किराया, बिजली बिल, कर्मचारियों का खर्च, मेडिकल खर्च आदि से परेशान है। सरकार को अविलंब इस पर ध्यान देने की जरूरत है। सह सचिव हेमंत कुमार ने कहा कि एक तरफ कोरोना वायरस की मार और दूसरी तरफ बाढ़ से बेहाल और तीसरी तरफ ई-कॉमर्स का जंजाल इसमें कैसे करें हम व्यापार। अल्टरनेट डे व्यापार खुलने पर जहां व्यापार की क्षति हो रही है। वहीं सड़कों पर कोरोना वायरस प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ रही है। इस पर सरकार गंभीरता पूर्वक विचार करें और नियमित रूप से दुकान खोलने का आदेश दें। धरना में पूर्व अध्यक्ष मनीष कुमार, संजीव रंजन कुमार, पूर्व महासचिव राम भजन, कार्यकारिणी सदस्य सुनील श्रीवास्तव, श्याम कुमार, आशुतोष कुमार सहित चेंबर के सदस्य मौजूद थे।

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अडानी समूह ने हवाईअड्डे व्यवसाय के नेतृत्व में बदलाव किया - Business Standard Hindi

अडानी समूह ने हवाईअड्डे व्यवसाय के नेतृत्व में बदलाव किया
PTI /  July 18, 2021

मुंबई 18 जुलाई (भाषा) अडानी समूह ने मुंबई हवाईअड्डे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आरके जैन को अपने हवाईअड्डों के व्यवसाय का सीईओ नियुक्त किया है।

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वह बेन ज़ानदी की जगह लेंगे जो अब अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (एएएचएल) में गैर-हवाई व्यवसाय के सीईओ का काम संभालेंगे।

यह बदलाव एएएचएल द्वारा पिछले सप्ताह मुंबई एयरपोर्ट इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) का प्रबंधन जीवेके समूह से लेने के बाद किया गया है। एएएचएल अडानी समूह की सहायक कंपनी है जो हवाई अड्डों के कारोबार से जुड़ी है।

17 जुलाई को जारी एक सूचना के अनुसार एएएचएल के अध्यक्ष (परिचालन) प्रकाश तुलसियानी मुंबई हवाईअड्डे के सीईओ का कार्यभार संभालेंगे।

इसके अलावा समूह ने एएएचएल के मुख्यालय को मुंबई से अहमदाबाद स्थांतरित करने का भी निणर्य लिया है।

भाषा जतिन मनोहर

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अडानी समूह ने हवाईअड्डे व्यवसाय के नेतृत्व में बदलाव किया - Navbharat Times

कृषि मंत्री से माइका व्यवसाय को पुनर्जीवित करने की मांग - दैनिक जागरण

संवाद सहयोगी, कोडरमा : असंगठित कामगार कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष भागीरथ पासवान ने विभिन्न समस्याओं को लेकर कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख को मांग पत्र सौंपा। इसमें माइका व्यवसाय को पुनर्जीवित करने की मांग की गई है, ताकि लाखों लोगों को रोजगार मिल सके। जिले में बंद पड़े स्टोन क्रशर को चालू करवाने और बालू का उठाव सरकारी नियमानुसार चालान कटवा कर किए जाने की मांग की गई है। मंत्री ने जल्द ही इन समस्याओं के समाधान किए जाने का आश्वासन दिया है। मौके पर बरकट्ठा विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी जयशंकर पाठक, जिला उपाध्यक्ष राम लखन पासवान व संजय रजक उपस्थित थे।

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Saturday, July 17, 2021

कैसिनो व्यवसाय को तुरंत न दें मंजूरी - Patrika News

कैसिनो व्यवसाय को तुरंत न दें मंजूरी

By: S F Munshi

Published: 17 Jul 2021, 09:52 PM IST

कैसिनो व्यवसाय को तुरंत न दें मंजूरी
-दक्षिण गोवा के सांसद सर्दिन ने कहा
पणजी
दक्षिण गोवा के सांसद फ्रांसिस सर्दिन ने कहा है कि गोवा में कोरोना
की स्थिति नियंत्रण में होने के बावजूद सरकार को कैसिनो व्यवसाय
को तुरंत शुरू कर राज्य की जनता को मुसीबत में नहीं डालना चाहिए।
वे मडगांव में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में बोल रहे थे।
उन्होंने राज्य सरकार पर ठोस कदम न उठाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गोवा की सीमा को बंद न किए जाने की वजह से बाहरी राज्य से कोरोना संक्रमित गोवा में प्रवेश कर रहे हैं। कैसीनो में विभिन्न राज्यों के पर्यटकों ने बड़ी संख्या का दौरा किया गया था। राज्य में कोरोना से 3000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि लापरवाही की वजह से जनता के जीवन को खतरे मे न डालें। गोवा की सीमा पर की जांच करने के उपरांत ही उन्हें गोवा में प्रवेश करने का अवसर दिया जाना चाहिए।

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यूनिफॉर्म का 100 तो स्टेशनरी का 75 प्रतिशत व्यवसाय प्रभावित - Nai Dunia

Publish Date: | Sat, 17 Jul 2021 08:22 PM (IST)

बेगमगंज। नवदुनिया न्यूज

कोरोना संक्रमण के चलते दो साल से स्कूल बंद हैं। जिसके कारण यूनिफार्म का व्यवसाय पूरी तरह प्रभावित हो गया है। वहीं स्टेशनरी का व्यवसाय 75 प्रतिशत प्रभावित होने से दुकानदार आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के दौरान लगाए गए लॉकडाउन में व्यापारियों को उम्मीद थी कि कुछ दिन बाद स्कूल खुल जाएंगे। इसलिए उन्होंने विभिन्ना स्कूलों की ड्रेस तैयार करके रख ली, लेकिन पूरा वर्ष निकल गया स्कूले नहीं खुली इस वर्ष भी यही स्थिति रही। अब कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते स्कूल फिर नहीं खुल रहे हैं। जिससे पिछले साल से लेकर इस वर्ष तक यूनिफॉर्म की बिक्री बिल्कुल भी नहीं हो सकी। वही स्कूल, कॉलेज में लगने वाली स्टेशनरी की बिक्री मात्र 25 प्रतिशत होने से 75 प्रतिशत स्टॉक व्यवसाय करने वालों की गोदाम में भरा पड़ा हुआ है। जिससे वे आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। एक दर्जन स्टेशनरी एवं 14 ड्रेस कारोबार से जुड़े व्यापारियों को इन दो साल में करीब तीन करोड़ रुपये का व्यवसाय ठप हुआ है। जिसकी वजह से माल रुक कर रह गया है। सभी व्यापारी माल की बिक्री नहीं होने से ज्यादा परेशान हो रहे हैं कि यदि प्राइवेट स्कूलों ने दो साल बाद ड्रेस बदल दी तो उनके गोदामों पर रखी ड्रेस बेकार हो जाएगी। गौरतलब है कि तहसील में 22 से अधिक निजी स्कूल हैं। जिसमें व्यापारियों का ड्रेस और स्टेशनरी का प्रत्येक वर्ष डेढ़ से दो करोड़ रुपये का व्यापार होता है। जो 2 साल से कोरोना काल में 40 से 45 लाख रुपये पर सिमट कर रह गया है। इसी कारण स्टेशनरी वालों ने इस बार नया माल नहीं मंगवाया है। यही हाल ड्रेस व्यवसायियों का भी है। निजी स्कूलों में करीब 12000 विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। कक्षा एक से 12 तक के बच्चों का औसत अगर निकाला जाए तो प्रत्येक बच्चे पर 2000 रुपये स्टेशनरी का खर्च आता है। वही ड्रेस पर प्रत्येक बच्चे पर 800 रुपये औसतन खर्च आता है। कुछ बच्चे पुरानी ड्रेस से काम चलाते हैं तो ज्यादातर बच्चे नई ड्रेस व स्टेशनरी खरीदते हैं। उस हिसाब से प्रत्येक साल दो करोड़ का व्यवसाय होता है।

क्या करते हैं दुकानदार

स्टेशनरी विक्रेता मुकेश नेमा, सुनील जैन ने बताया कि फरवरी 2020 में स्कूलों की पुस्तकें और स्टेशनरी का सामान बुलवा लिया था। जो आज तक रुका हुआ है। ड्रेस विक्रेता सुनील जैन का कहना है कि फरवरी में स्टाक करके रखा गया था। पिछले साल से इस वर्ष तक ड्रेस तो बिकी ही नहीं है। स्टेशनरी जरूर 25 फीसद बिकी है। यही कारण है कि इस वर्ष स्टाक करने की जरूरत ही नहीं पड़ी। पिछले साल का पैसा ही कर्ज लेकर व्यापारियों का चुकाया है। जिनसे पैसा लिया है उस पर ब्याज देना पड़ रहा है। स्टेशनरी विक्रेता अमर चंद जैन, रफीक खान का कहना था की मार्च-अप्रैल में व्यवसाय चलता था। जिसमें जुलाई तक हम लोगों को फुर्सत नहीं मिलती थी। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार भी नाममात्र को स्टेशनरी बिक रही है।

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Friday, July 16, 2021

Breaking: रायपुर में रात 10 बजे तक दुकान और व्यवसाय संचालन की अनुमति, नाइट कर्फ्यू हटा - GLIBS

Breaking: रायपुर में रात 10 बजे तक दुकान और व्यवसाय संचालन की अनुमति, नाइट कर्फ्यू हटा

रायपुर। राजधानी रायपुर में कोरोना संक्रमण के मामलों में आ रही गिरावट के बाद निरंतर अनलॉक की प्रक्रिया जारी है। समय-समय पर जिला प्रशासन की ओर से छूट दी जा रही है। इसी कड़ी में शुक्रवार को कलेक्टर ने नया आदेश जारी किया है। कलेक्टर सौरभ कुमार ने पूर्व आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए सभी दुकान व व्यवसाय संचालन की समय सीमा रात 8 के स्थान पर रात 10 बजे तक निर्धारित की है। नाइट कर्फ्यू हटा दिया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।

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Thursday, July 15, 2021

स्कूल ड्रॉपआउट भगवती कर रही हैं मुरब्बे का बिजनेस - अमर उजाला

सार

घर बैठे आंवला का मुरब्बा बनाकर भगवती ने व्यवसाय शुरू किया और आज वे सफल हैं। लॉकडाउन के दिनों में भी उन्हें खूब मुनाफा हुआ और उन्होंने गांव की अन्य महिलाओं को भी रोजगार दिलाया। 

ख़बर सुनें

विस्तार

भगवती मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में रहती हैं। वे अपनी स्कूल की पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाईं लेकिन आज वे मुरब्बा का बिजनेस कर प्रसिद्ध हो रही हैं। भगवती की मेहनत का ही नतीजा है कि आज उनके पूरे गांव को आंवले के मुरब्बे के लिए जाना जाता है। आइए जानते हैं कि किस तरह से भगवती ने अपना व्यवसाय आगे बढ़ाया और सफलता पाई। 

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बिजनेस की बारिकियों को सीखा

भगवती शुरुआत में स्वयं सहायता समूह से जुड़ गईं। वहीं उन्होंने व्यवसाय का प्रशिक्षण लिया है। भगवती ने पैकेजिंग, स्वच्छता और बिजनेस की बारीकियों को सीखा। स्वयं सहायता समूह ने उन्हें मुरब्बा बेचने का व्यवसाय करने के लिए लोन तक दिया है।   

किराना दुकानों से की डील

भगवती द्वारा तैयार खाद्य सामग्री को बेचने के लिए पन्ना- अजयगढ़ मार्ग पर एक स्टॉल लगाया गया। पन्ना का आंवला और वैल्यू एडेड प्रोडेक्ट्स को राज्य सरकार की ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना में शामिल किया गया। उन्होंने पन्ना के किराना के दुकानों के साथ भी डील की। 

पति भी हुए शामिल

मुरब्बा के एक बैच को तैयार करने में कम से कम तीन दिन लगते हैं और भगवती महीनों तक इसमें लगी रहती हैं। उनकी इस लगन को देख उनके पति भी उनके इस काम में सहायता करते हैं जो कि पहले मजदूरी किया करते थे। 

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भारत में मोटी रकम का व्यवसाय करता है जेएमबी का कुख्यात आतंकी अंसार अली! - Patrika News

- भारत के कई लोग हैं उसके बिजनेस पार्टनर
- फिलहाल बगलादेश के जेल में बंद है अंसार

कोलकाता
जमात-उल- मुजाहिद्दीन, बांग्लादेश (जेएमबी) का कुख्यात आतंकी अंसार अली, जो बांग्लादेश के जेल में बंद है, भारत में मोटी रकम का व्यवसाय करता है। यहां कई क्षेत्रों में अपना पैसा लगा रखा है। कई भारतीय उसके बिजनेस पार्टनर हैं। ये जानते हुए कि अंसार एक कुख्यात आतंकी है, उसके साथ मिलकर व्यवसाय करते हैं।
कोलकाता के हरिदेवपुर इलाके से पकड़े गए आतंकी नजी उर रहमान, रबी उल इस्लाम और साबिर बारासात इलाके से पकड़े गए उनके लिंक मैन
राहुल उर्फ लालू से पूछताह में कोलकाता पुलिस के एसटीएफ को इसकी जानकारी मिली है।
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हवाला के जरिए भारत भेजता है पैसा
एसटीएफ के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर इसका खुलासा किया। अधिकारी ने बताया कि अंसार हवाला के जरिए भारत के बिजनेस पार्टनरों को पैसा भेजता है।
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भारत में हैं कई ठिकानें
पता चला है कि भारत में अंसार के कई ठिकानें हैं। हालांकि जांच अधिकारियों को अभी तक उसके ठिकानों का पता नहीं मिल पाया है।
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मानव तस्करी का भी धंधा करता है अंसार
एसटीएफ के अधिकारी ने बताया कि पता चला है कि अंसार मानव तस्करी का भी धंधा करता है। उसने बांग्लादेश के कई पुरुषों को विभिन्न यूरोपीय देशों में भेजा है।

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Wednesday, July 14, 2021

पटरी पर लौटा स्ट्रीट वेंडरों का व्यवसाय - दैनिक जागरण

पीलीभीत,जेएनएन : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर काबू में आने के बाद आंशिक कोरोना क‌र्फ्यू में छूट बढ़ जाने से स्ट्रीट वेंडरों का व्यवसाय पटरी पर आने लगा है। दूसरी ओर रेलवे स्टेशन चौराहा के आसपास का बाजार अभी मंदी से नहीं उबर सका। क्योंकि कुछ ही ट्रेनों का संचालन हो रहा । उसमें भी यात्रियों की संख्या काफी कम रहती है। स्टेशन चौराहा का कारोबार एक साल से अधिक समय से प्रभावित हो रहा है।

शहर में विभिन्न मार्गों पर कई दर्जन वेंडर अपने स्टाल लगाते हैं। गोलगप्पा, आलू की टिक्की, समोसा समेत खानपान की वस्तुएं सड़क किनारे स्टाल लगाकर स्ट्रीट वेंडर अपने परिवारों का पालन पोषण करते हैं। कोरोना संक्रमण काल में इनका व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो गया था। बाद में जब कुछ छूट मिली तो बाजार बंदी का समय शाम सात बजे कर दिया गया जबकि स्ट्रीट वेंडरों का तो व्यवसाय शाम के समय ही शुरू होता है। शहर में घूमने-फिरने निकलते हैं, तो स्ट्रीट फूड्स की मांग बढ़ती है। बाद में जब बाजार बंद करने का समय आठ बजे हुआ तो स्ट्रीट वेंडरों को कुछ राहत मिली। अब रात दस बजे तक की छूट मिल जाने से स्ट्रीट वेंडरों के कारोबार में चमक आने लगी है। अप्रैल और मई के महीने में इन वेंडरों को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ा, परन्तु अब आमदनी होने लगी है। दूसरी ओर रेलवे स्टेशन चौराहा के आसपास स्थित बाजार की मंदी अभी तक दूर नहीं हुई। ट्रेनें सीमित संख्या में चल रहीं। उनमें भी यात्री कम रहते हैं। ऐसे में दुकानदारी नाममात्र की रह गई है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो गया था। परिवार का खर्च पूरा करने में समस्या आ रही थी लेकिन अब धीरे धीरे व्यवसाय पटरी पर आ रहा है।

मनोज कुमार जब शाम सात बजे तक ही स्टाल लगाने की अनुमति रही, तो उसका कोई फायदा नहीं मिल सका। अब रात दस बजे तक का समय दे दिया गया है। इससे व्यवसाय सुचारू होने की उम्मीद है।

रजत वर्मा कोरोना जैसी महामारी के दौरान छोटे छोटे व्यवसाय करने वालों को बड़ी मुश्किलों के दौर से गुजरना पड़ा है। अब रात दस बजे तक बाजार खुलने की अनुमति मिलने से राहत महसूस कर रहा।

राकेश कुमार छोटा सा व्यवसाय है, उस पर भी कोरोना ने सब चौपट कर दिया था। गनीमत है कि अब संक्रमण काबू में आ जाने से रात दस बजे तक दुकान खोलने की अनुमति मिलने से राहत है।

गंगा सिंह सवा साल होने जा रहा है। रेलवे स्टेशन चौराहा का बाजार मंदी का शिकार है। गिनी चुनी ट्रेनें चल रही हैं। उनमें भी कम ही लोग सफर करते हैं। ऐसे में दुकानदारी नाममात्र रह गई है।

वासु कश्यप रेस्टोरेंट चलाना मुश्किल हो रहा है। कोरोना से पहले सभी ट्रेनें चल रही थीं, तब ग्राहकों का आवागमन बना रहता है। अब ग्राहक के इंतजार में घंटों खाली बैठे रहना पड़ रहा है।

आदेश जायसवाल सुबह, दोपहर और शाम की ट्रेनों का संचालन जब तक पहले की भांति शुरू नहीं हो जाएगा, तब तक यहां मंदी के हालात बने रहेंगे। साल भर से कारोबार लगभग चौपट है, आगे उम्मीदें हैं।

धीरज कुमार पहले जब ट्रेन आती थी, तो फल खरीदने के लिए यात्री उमड़ने लगते थे। अब ऐसा नहीं है। इक्का दुक्का ग्राहक आते रहते हैं। उन्हीं के माध्यम से जो बिक्री होती है, उसी से काम चल रहा।

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सोलर प्लांट से बिजली का उत्पादन करेंगे हनुमान, पप्पू व छोटेलाल का होगा खुद का व्यवसाय - Patrika News

[unable to retrieve full-text content] सोलर प्लांट से बिजली का उत्पादन करेंगे हनुमान, पप्पू व छोटेलाल का होगा खुद का व्यवसाय    Patrika New...